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Ukraine and Russia: तो इस वजह से संयुक्त राष्ट्र में भारत ने रूस के खिलाफ नहीं किया वोट, जानिए भारत की पूरी रणनीति

नई दिल्ली। भारत और यूक्रेन के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है। आज यानी की बुधवार को युद्ध का तीसरा दिन है। कहने में कोई संकोच नहीं है कि विश्व का एक धड़ा ऐसा भी उभरकर सामने आ रहा है, जो रूसी राष्ट्रपति के इस आक्रमकर रवैये के नाम आलोचनाओं की बयार बहा रहा है। उधर, अब विश्व बिरादरी में सभी के जेहन में इस बात को जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि आखिर वैश्विक मंच पर रूस के बारे में किसके क्या ख्याल हैं। इस बीच अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा में परिषद मे पुतिन द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को लेकर मतदान करावाया। कथित तौर पर यह मतदान रूसी राष्ट्रपति की आलोचना करने के लिए किया गया था। जिसमें सदस्य देशों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है और रूसी सैनिकों के रवैयों की निंदा करते हुए मतदान किया गया, लेकिन क्या आपको पता है कि इस मामले में हिंदुस्तान का क्या रुख रहा।

दरअसल, हिंदुस्तान ने मतदान नहीं किया। मतलब, साफ है कि भारत ने रूस के इस रवैये के विरोध में आलोचना करने हेतु कोई कदम नहीं उठाया है। वहीं, अमेरिका द्वारा पेश किया गया यह प्रस्ताव भी पारित न हो सका, क्योंकि रूस के पास वीटों अधिकार है, जिसका इस्तेमाल करके उसने राह में अड़चन पैदा कर दी। अब आप क्या यह जानने के लिए बेताब हो रहे हैं कि आखिर भारत ने रूस के विरोध में मतदान क्यों नहीं किया है। तो आइए आगे आपको इसके बारे में तफसील से समझाते हैं।

आपको बताते चलें कि रूस के विरोध में पेश किए गए इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 11 मत पड़े तो विरोध में 1 मत पड़े और रही भारत की तो उसने हिस्सा ही नहीं लिया। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं, जबकि भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है और अब तो उसका दो साल का मौजूदा कार्यकाल भी खत्म होने वाला है। कथित तौर पर प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लेने पर भारत ने ‘एक्सप्लनेशन ऑफ वोट’ जारी किया जिसमें उसने ‘कूटनीति के रास्ते पर वापस लौटने’ की अपील की। बहरहाल, यूक्रेन और रूस के बीच युद्धिक संभावनाओं को खत्म करने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की संभावना कब अपने विराम स्थल पर पहुंचेगी। उधर, बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर वार्ता की थी जिसमें युद्ध पर विराम लगाने समेत यूक्रेन में फंसे हिंदुस्तानियों को स्वेदश सकुशल भेजने की बात कही गई थी।

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