News Room Post

India-China :भारत ने मालदीव को लेकर उठाया ऐसा कदम कि बढ़ जाएगी चीन की बौखलाहट!

maldives india china

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए मोदी सरकार ने मालदीव सरकार को लेकर ऐसा कदम उठाया है, जिससे माना जा रहा है कि चीन की बौखलाहट बढ़ सकती है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने रविवार को मालदीव सरकार को 25 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। ऐसे में ये कर्ज देना चीन से चल रहे विवाद को देखते हुए अहम माना जा रहा है। दरअसल कोरोना संकट में तमाम देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और मालदीव भी इससे अछूता नहीं रहा। इस आर्थिक संकट की घड़ी में भारत ने मालदीव को आर्थिक सहायता दी है। इसको लेकर चीन की भौंहे तन गई हैं। दरअसल  मालदीव में चीन का निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है और यहां के विदेशी कर्ज में करीब 70 फीसदी हिस्सा चीन का है। मालदीव हिंद महासागर में सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण जगह पर स्थित है इसलिए भारत के लिए मालदीव में चीन के इस दबदबे को कम करना जरूरी हो गया है।

भारत द्वारा दिए गए कर्ज को लेकर मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह भारत का शुक्रिया ट्विटर पर लिखा, “जब भी मालदीव को एक दोस्त की मदद की जरूरत होती है, भारत ऐसे मौकों पर सामने आता है। पीएम मोदी, सरकार और भारत के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया, उन्होंने आज 25 करोड़ डॉलर की मदद कर पड़ोसी होने की भावना और उदारता दिखाई है।”

दरअसल मालदीव की अधिकतर अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर ज्यादा निर्भर है, लेकिन कोरोना संकट के बीच पर्यटन क्षेत्र में सुस्ती आने से मालदीव की अर्थव्यवस्था ठप हो गई। इसको देखते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री शाहिद के बीच 13 अगस्त को हुई वर्चुअल मीटिंग के दौरान भारत की तरफ से आर्थिक मदद की घोषणा की गई थी।

मालदीव की हालत को देखते हुए मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोली ने आर्थिक संकट से निकलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से मदद मांगी थी जिसके बाद भारत ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। इस कर्ज की ब्याज दर बहुत कम है और इसे वापस करने के लिए मालदीव के पास 10 साल का वक्त होगा। इस कर्ज को लेकर बहुत कम शर्तें रखी गई हैं और मालदीव अपनी प्राथमिकता के आधार पर इस धनराशि को खर्च कर सकता है।

Exit mobile version