News Room Post

Bihar Election: इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के सर्वे में भले मिल रही हो MGB को बढ़त, लेकिन पीएम मोदी का जलवा अभी भी है कायम…

PM Narendra Modi in Saharsa

नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच बिहार की 17वीं विधानसभा के लिए चुनाव मतदान समाप्त हो गए हैं। कोरोना प्रसार की शुरुआत के बाद से यह चुनाव बिल्कुल ही खास है एक तो यह तब के बाद पहला चुनाव है और इस चुनाव में कोरोना की वजह से कई तरह के एहतियात बरते गए। जिसने बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव को खास बना दिया। इससे भी बड़ी बात इस चुनाव की यह रही कि बिहार जैसे राज्य में इस बार चुनाव में विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई जमीनी मुद्दे सामने रखे गए। जिसपर प्रदेश की जनता ने मतदान किया। 2020 का यह बिहार विधानसभा चुनाव अन्य साल में हुए चुनाव की तुलना कई मामलों में अलग रहा है। चुनाव के परिणाम 10 नवंबर को जारी होने हैं। क्योंकि यह चुनाव ऐसे समय में हुआ जब कोरोना की मार झेलकर बिहार के प्रवासी मजदूर रोजगार छिन जाने के कारण मजबूरी में पलायन करके घर वापस लौटे थे।

एक तरफ बिहार में युवाओं की बड़ी आबादी है जो बेरोजगारी का संकट झेल रही है और कोरोना की वजह से यह संकट और भी बढ़ गया है। अब, जब राज्य के वोटरों ने बेरोजगारी और विकास को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है, तो ऐसे में सवाल लाजमी है कि बिहार के युवाओं की पसंद कौन।

इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के Exit Poll के नतीजे चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद सामने आ गए हैं। आपको बता दें कि इस सर्वे में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलती नजर आ रही है। वहीं भाजपा-जद(यू) गठबंधन के हाथ से सत्ता खिसकती नजर आ रही है। 15 साल से जो सरकार बिहार में चल रही थी उसके खिलाफ यह जनादेश स्पष्ट दिख रहा है। लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बिहार के मतदाताओं में अभी भी नरेंद्र मोदी का क्रेज बरकरार है। पीएम मोदी ने इस चुनाव में 12 रैलियां बिहार में की हैं। बिहार की जनता की सर्वे की आंकड़ों के लिहाज से मानें तो वह केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के काम से खुश हैं।

इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के Exit Poll की मानें तो 63 हजार से ज्यादा के सैंपल वाले इस सर्वे में 43 प्रतिशत लोग बता रहे हैं कि केंद्र के अच्छे कामों की वजह से उनको फिर से यही सरकार चाहिए जबकि 29 प्रतिशत को पीएम मोदी पसंद हैं। मतलब साफ है कि पीएम मोदी का जादू अभी भी प्रदेश की जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है।

इस सर्वे के आंकड़ों की मानें तो भाजपा से प्रदेश की जनता की नाराजगी नहीं है लेकिन नीतीश कुमार से उनकी नाराजगी साफ नजर आ रही है। भाजपा को पीएम मोदी के केंद्र में काम करने की वजह से उनका वोट बैंक राज्य में स्थिर नजर आ रहा है। लोगों को किसी भी तरह से पीएम मोदी से कोई शिकायत नहीं दिख रही है। शायद यही वजह है की NDA गठबंधन में जद(यू) से ज्यादा सीटें भाजपा को मिलती दिख रही है। हालांकि इस सर्वे में ग्रामीण क्षेत्र से 89 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र से 11 प्रतिशत सैंपल लिए गए। इस सर्वे की मानें तो एनडीए को 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 69-91 सीटें मिलने का अनुमान है। जिसमें 38-50 सीटें भाजपा के हिस्से में तो वहीं 26-34 सीटें जद(यू) के हिस्से में जाती दिखाई गई है। HAM पार्टी को 3-4 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है तो वहीं भाजपा के शेयर की सीटों पर लड़ रही VIP को 2-3 सीटें मिल सकती हैं ऐसा बताया गया है। ऐसे में भाजपा और VIP की सीटें मिलाकर देखें तो आप स्वतः अनुमान लगा सकते हैं कि पीएम मोदी और भाजपा को लेकर इस सर्वे में लोगों के विचार जस-के-तस हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता में बिहार में कोई कमी नहीं आई है।

लेकिन इस पूरे Exit poll में एक बात साफ दिख रही है की NDA में जदयू से बड़ी पार्टी BJP बनकर उभरेगी। लोग इसे कोविड -19 के बाद केंद्र सरकार का लिटमस टेस्ट मान रहे थे लेकिन ये चुनाव भाजपा के लिए बुरा नहीं है। पार्टी के लिहाज से भाजपा बिहार में अपनी हालत जस-की-तस बनाए रखने में कामयाब होती दिख रही है।

Exit mobile version