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Ro Khanna: राहुल गांधी के समर्थन में उतरे भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना अपने बयान पर घिरे, दस्तावेजों से झूठ का खुलासा!

rahul gandhi and ro khanna

नई दिल्ली। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के मुद्दे पर उनका साथ दिया था। रो खन्ना ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया था। खन्ना ने ये भी कहा कि उनके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दादा ने कभी ऐसा होते नहीं सोचा होगा। अपने इसी बयान पर अब रो खन्ना सोशल मीडिया पर घिर गए हैं। ‘द पैंफलेट’ ने दस्तावेजों के हवाले से दावा किया है कि रो खन्ना के दावे के उलट उनके दादा अमरनाथ विद्यालंकार ने इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ संसद की सदस्यता नहीं छोड़ी थी। द पैंफलेट ने ट्वीट में दस्तावेज शेयर कर रो खन्ना को आईना दिखाया है। साथ ही कहा है कि रो खन्ना खुद कानून की डिग्री लिए हुए हैं। ऐसे में उनको निष्कासन और अयोग्य ठहराए जाने में अंतर पता होना चाहिए। देखिए किस तरह द पैंफलेट ने रो खन्ना को आईना दिखाया है।

रो खन्ना ने बयान में कहा था कि देखकर दुख होता है कि कुछ लोग मेरे दादाजी की छवि धूमिल कर रहे हैं। मेरे दादाजी लाला लाजपत राय के साथ काम कर चुके। वो साल 1931-32 और फिर 1941 से 1945 तक जेल में भी रहे। उन्होंने इंदिरा गांधी को चिट्ठी लिखकर इमरजेंसी का विरोध किया था। फिर उन्होंने संसद सदस्यता भी छोड़ दी। मुझपर हमला कीजिए, लेकिन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर नहीं।

रो खन्ना ने इससे पहले राहुल गांधी को सूरत के कोर्ट से मानहानि के मामले में 2 साल की सजा और फिर इस वजह से उनकी संसद सदस्यता रद्द होने पर बयान दिया था। रो खन्ना ने लिखा था कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता का रद्द होना भारतीय मूल्यों से धोखा और गांधीवादी दर्शन के खिलाफ है। उन्होंने कहा था कि मेरे दादाजी ने इस दिन के लिए जेल में कई साल नहीं बिताए थे। पीएम नरेंद्र मोदी से रो खन्ना ने मांग की थी कि आपके पास राहुल के मामले में फैसला पलटने की ताकत है। जिसे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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