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Coronavirus: कोरोना काल में भारतीय रेलवे का कमाल, 24 घंटों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 150 टन ऑक्सीजन भेजी गई

oxygen train

नई दिल्ली। । कोरोना से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। देश की बड़ी आबादी लगातार इसकी चपेट में आ रही है। देशभर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई है। दूसरी तरफ पूरे देश में कोरोना टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है। वहीं ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत से पूरा देश लड़ रहा है। मरीज ऑक्सीजन, बेड और बाकी जरूरी दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर को देखते हुए अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में भारतीय रेलवे ने ग्रीन कॉरीडोर की मदद से देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद से ऑक्सीजन भेजे जाने का काम शुरू कर दिया है। भारतीय रेलवे ने बताया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 150 टन ऑक्सीजन देश के कई राज्यों में पहुंचाई है। इसके पहले कोरोना संक्रमण झेल रही सांसों को बचाने के लिए दूसरी ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन झारखंड के बोकारो से ऑक्सीजन टैंकर लेकर लखनऊ पहुंची थी।

दो टैंकर लखनऊ में उतारे गए। टैंकर आने पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के अलावा रेलवे, जिला प्रशासन और पुलिस के अफसर चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। अपर मुख्य सचिव ने बताया था कि यह दोनों ट्रैकर ऑक्सीजन लेकर दो दिन के अंदर बोकारो से लखनऊ आ गए हैं। आज तीन टैंकर बोकारो के लिए और भेजे गये हैं। अब लखनऊ के साथ ही पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। बोकारो गैस प्लांट से ऑक्सीजन लाने की प्रक्रिया चलती रहेगी। लखनऊ में चार से पांच गुना आक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है।

बोकारो के एडीआरएम ने बताया, “ऑक्सीजन एक्सप्रेस की ऊंचाई 4.5 मीटर है, इसलिए ओएचई को ध्यान में रखते हुए टैंकर रखे गए और ऑक्सीजन एक्सप्रेस को 60 किमी प्रतिं घंटे की गति से लखनऊ रवाना किया गया। साथ में एक दर्जन से अधिक रेलकर्मियों को भी अगले स्टेशन तक साथ भेजा गया है। इसके बाद हर 300 किमी पर क्रू लॉबी में लोको पायलटों को बदला जाएगा।” लखनऊ से रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस के साथ एक जीआरपी उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबल का एस्कॉर्ट भी भेजा गया है। ताकि ऑक्सीजन को सुरक्षित लखनऊ लाया जा सके. इसके अलावा यूपी के साथ बिहार और झारखंड जीआरपी मुख्यालय को अलर्ट किया गया है।

हर स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ थाने को अपने यहां से ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सफलता से गुजर जाने की रिपोर्ट करना होगा। जबकि ग्रीन कॉरिडोर के लिये लखनऊ, वाराणसी, दीन दयाल उपाध्याय नगर और गया कंट्रोल रूम में कंट्रोलर बिठाए गए हैं।

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