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Russia-Ukraine crisis: रेलवे प्लेटफार्म पर दिन गुजारने को मजबूर हैं भारतीय छात्र, पेट भरने तक के लिए नहीं बचा खाना

नई दिल्ली।आज रूस और यूक्रेन के बीच जंग का छठा दिन है। रूस यूक्रेन के कीव और खारकीव शहर पर लगभग कब्जा कर चुका है। अब तक हमले में कई लोगों के मौत हो चुकी है। कीव और खारकीव शहर में हालात तनावपूर्ण बने हुए है। इसी बीच यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने का काम जारी है। आज यूक्रेन से तीसरी फ्लाइट छात्रों को लेकर भारत आई है। इसी बीच यूक्रेन के खारकीव में एक बंकर के अंदर फंसे भारतीय छात्र असोयुन हुसैन ने सरकार ने मदद की गुहार लगाई है।असोयुन हुसैन इस वक्त बहुत कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द मदद पहुंचाने का आग्रह किया है।

छात्र ने सुनाई आप-बीती

फोन के जरिए मीडिया से बात करते हुए असोयुन हुसैन ने यूक्रेन की परिस्थितियों और छात्रों की मुसीबतों के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि यूक्रेन की हालत ठीक नहीं है। यहां जरूरत का सामान जैसे खाना-पीना और दवाइयां भी खत्म होने को है। वहीं तापमान इतना गिर गया है कि ठंड की वजह से बंकर में रहना भी मुश्किल हो रहा है। हुसैन ने बताया कि खाने का सामान लगभग खत्म हो गया है। अब उनके पास सिर्फ केवल ब्रेड का सिर्फ एक टुकड़ा बचा है।  खाना तो दूर पानी के लिए उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बंकर में भी भीड़ बढ़ती जा रही है और लोगों के पास अब रहने के लिए भी जगह नहीं बची है। जान बचाने के लिए हम रेलवे वे ट्रैक के पास और प्लेटफॉर्म पर सोने के लिए मजबूर हैं।

कल हुई थी पहली वार्ता

गौरतलब है कि रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के बाद यूक्रेन-रूस तनाव पर नवीनतम घटनाक्रम रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का पहला दौर 28 फरवरी को बिना किसी समझौते के पूरा हुआ।दोनों पक्ष वार्ता जारी रखने पर सहमत हुए, क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने आग्रह किया कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ की सदस्यता दी जाए।

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