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Ukraine Crisis: PM मोदी के बारे में ये है यूक्रेन से लौटे छात्रों की राय, कहा- वो न होते तो…

PM Modi Varanasi

नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच वहां बचकर भारत पहुंचे छात्र मोदी सरकार का आभार जताते दिख रहे हैं। छात्रों का कहना है कि सरकार ने तेजी दिखाई और उन्हें वहां से निकाल लिया, वरना शायद जान चली जाती। बता दें कि मोदी सरकार ने यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा जारी रखा हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में अपने चार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी और वीके सिंह को भी भेजा हुआ है। ये चारों मंत्री वहां रहकर भारतीय छात्रों की वापसी के काम को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं।

शनिवार रात को कीव में फंसे 200 से ज्यादा भारतीय छात्रों को लेकर एक फ्लाइट आई। इन छात्रों ने बताया कि शहर को रूसी हमले से बहुत नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि खाने-पीने का सामान भी पास नहीं था, लेकिन भारत सरकार और उसके दूतावास ने किसी तरह उन्हें बचा लिया। इन बच्चों के परिजनों ने भी मीडिया से बात करते हुए डबडबाई आंखों से पीएम मोदी और सरकार के कार्य की सराहना की। पूरा एयरपोर्ट भारत माता की जय के नारों से गूंजने लगा था। बच्चे भी अपने पैरेंट्स से मिलकर रोते दिखे। ये खुशी के आंसू थे।

यूक्रेन से सकुशल लौटे छात्रों ने बताया कि वहां बहुत डर लग रहा था। भारत सरकार का धन्यवाद और वहां जो मंत्री गए हैं, उनका भी शुक्रिया। बच्चों ने बताया कि भारत सरकार ने उनके लिए भोजन-पानी और हर जरूरत की चीज मुहैया कराई। वे सभी कीव में बंकर में थे और हर पर मौत उन्हें सिर पर मंडराती दिख रही थी। छात्रों में से ज्यादातर का कहना था कि मोदी सरकार की वजह से ही वे वापस लौट सके हैं। उन्होंने ये भी बताया कि यूक्रेन में उनसे रंगभेद हो रहा था और ब्लैक कहकर ट्रेन में भी चढ़ने नहीं दे रहे थे। छात्रों ने बताया कि वे हालात को समझ नहीं सके और इसी वजह से रुक गए। उन्हें नहीं पता था कि मामला इतना गंभीर हो जाएगा।

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