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Indian Navy War Ship: पाकिस्तान की छाती पर बैठने आ रहा है स्वदेशी INS इंफाल, जानें क्या है इसकी खासियत

नई दिल्ली। भारत आज के मौजूदा दौर में इतनी तेजी से विकास कर रहा है, जिसकी कोई सीमा नही है। भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है चाहे वो शास्त्र हो या फिर शस्त्र। आज भारत का अपना स्वदेशी जंगी जहाज आईएनएस इंफाल भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा। बता दें आईएनएस इंफाल के नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में होगा और इस अवसर पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। आईएनएस इंफाल विशाखापट्टनम क्लास का तीसरा गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है। इसको भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमांड को सौंपा जाएगा मतलब अरब सागर और हिंद महासागर में किसी भी भारत विरोधी गतिविधि पर इसकी पूरी नजर रहेगी और इसके शामिल होते ही भारत की सुरक्षा और चाक चौबंद हो जाएगी। यहां तक की पाकिस्तान और चीन के भारत विरोधी मंसूबो पर भी लगाम लगेगा।

अब आपके मन सवाल आ रहा होगा की इस विध्वंसक युद्ध पोत का नाम इंफाल ही क्यों रखा गया है, तो आपको बता दें कि भारत के मणिपुर राज्य की राजधानी इंफाल के नाम पर ही इसका नाम रखा गया है, जो उत्तर पूवी राज्यों की सैना में भागीदारी को भी दर्शाता है। इस नाम को रखने की मंजूरी 2019 में राष्ट्रपति ने दी थी। बता दें इस खतरनाक और विध्वंसक युद्धपोत का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड में किया गया है और इसके निर्माण में 75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी है और इसी कारण इसको स्वादेशी युद्धपोत कहा जा रहा है।

क्या है इसकी खासियत

INS इंफाल युद्धपोत की ताकत की बात करें तो ये किसी भी कम नहीं है। INS इंफाल का वजन 7,500 टन और इसकी लंबाई 163 मीटर है। INS इंफाल पर जमीन से जमीन और जमीन से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की गई है। और हाल ही में इस युदध पोत से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल प्रशिक्षण भी किया गया था। इसमें कंपाइंड गैस और गैस प्रोपल्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से ये 56 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकता है। इसमें खास बात ये भी है कि ये युद्धपोत परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमलो से भी निपटने में सक्षम है और यह युद्धपोत मॉडर्न सर्विलांस राडार, देश मे विकसित रॉकेट लॉन्चर और टारपीडो लॉंचर से भी लैस है। इंफाल पर भारतीय नौसेना के 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक तैनात होंगे जो दुश्मनों के किसी भी प्रहार का जबाव देने में समर्थ होंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो ये भारत का स्वदेशी युद्ध पोत दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में काफी कारगर साबित होगा।

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