नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार व समाज में वैमनस्य फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय ने ऐसे सभी यूट्यूब चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है, जो कि सरकार के खिलाफ लोगों में भ्रम फैलाते हैं और लोगों को दिगभ्रमित करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन चैनलों ने समाज में कथित रूप से सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की भी कोशिश की थी। कई बार इन्हें चेताया भी गया था, लेकिन ये नहीं माने तो अब इनके खिलाफ उपरोक्त कार्रवाई की गई है।
खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने YouTube को 10 YouTube चैनलों से 45 YouTube वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। अवरुद्ध वीडियो को 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बार देखा गया: सूचना और प्रसारण मंत्रालय pic.twitter.com/rnTnLjeMTU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2022
बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुद ऐसे सभी यूट्यूब चैनलों के प्रतिबंधित किए जाने की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर सार्लजनिक की है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उन सभी चैनलों के खिलाफ की गई है, जो कि सरकार के खिलाफ लोगों के बीच झूठी खबरों के आधार पर भ्रम फेलाते हैं। ध्यान रहे कि अभी मंत्री का यह ट्वीट खासा सुर्खियों में है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों को देश के खिलाफ जहर उगलने वाले, भ्रामक खबरों के माध्यम से मित्र देशों के साथ सम्बंधों को ख़राब करने का प्रयास करने के लिए प्रतिबंध लगा कर उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
राष्ट्रहित में ये पहले भी किया है, आगे भी करेंगे।
| @MIB_India | pic.twitter.com/uIIpXvEUOw
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) September 26, 2022
जिस पर लोग अलग–अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन अधिकांश लोग सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। ऐसे में बतौर पाठक आपका सरकार के इस कदम पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेटं कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।
ध्यान रहे कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब केंद्र की मोदी सरकार की ओर से शासन-प्रशासन के खिलाफ लोगों के बीच में भ्रम फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ एक्शन लिया गया है, बल्कि इससे पहले भी कई यूट्यूब चैनलों के खिलाफ इस तरह के एक्शन लिए जा चुके हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही कुछ यूट्यूब चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया गया था, चूंकि वे सरकार के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैला रहे थे। ध्यान रहे कि जहां एक तरफ सोशल मीडिया लोगों के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करवा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इसका अनैतिक इस्तेमाल भी देखने को मिल रहा है। जिसके खिलाफ अब सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है।