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उड्डयन मंत्रालय ने 15 जुलाई तक सस्पेंड की इंटरनेशनल फ्लाइट्स

हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने कुछ चुनिंदा रूट्स के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट्स की अनुमति देने का फैसला किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गये बयान के मुताबिक, कुछ चुनिंदा रूट्स पर इंटरनेशल शेड्यूल फ्लाइट्स की अनुमति दी जा सकती है।

नई दिल्ली। कोरोना काल से जूझ रहे देश में लॉकडाउन-5 (जिसे अनलॉक-1 भी कहा जा रहा है) चल रहा है जिसमें आम जनता को कुछ छूट दी गई हैं लेकिन कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं, जिनपर पाबंदियां अभी भी लागू हैं। इनमें शिक्षण सस्थान, अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इस बीच हवाई यात्रा को लेकर उड्डयन मंत्रालय की तरफ से बड़ी जानकारी दी गई है।

बता दें कि उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि इंटरनेशनल फ्लाइट्स का संचालन 15 जुलाई तक के लिए सस्पेंड किया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा कि,  मार्च के अंतिम सप्ताह से ही सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स कैंसिल हैं। हालांकि, घरेलू उड़ानों का परिचालन 25 मई से कुछ शर्तों के साथ शुरू कर दिया गया है।

हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने कुछ चुनिंदा रूट्स के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट्स की अनुमति देने का फैसला किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गये बयान के मुताबिक, कुछ चुनिंदा रूट्स पर इंटरनेशल शेड्यूल फ्लाइट्स की अनुमति दी जा सकती है। अंतराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरू करने को लेकर पिछले सप्ताह सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारत जुलाई के महीने में अंतराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरू करने पर कोई फैसला लेगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि, उस वक्त परिस्थितियों को देखते हुए इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

पुरी ने कहा था कि जब एक बार घरेलू फ्लाइट्स ऑपरेशन 50 से 55 फीसदी तक पहुंच जाएंगे तो हम अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर विचार करेंगे। बॉर्डर और एंट्री पर प्रतिबंध, क्वारंटाइन की शर्तें आदि कुछ फैक्टर्स हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लेकर फैसला लिया जाएगा। अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील, यूएई, सिंगापुर पर एंट्री को लेकर शर्तें हैं। ये देश केवल अपने नागरिकों को ही आने दे रहे हैं।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का फैसला ज्यादा तक दूसरे देशों पर भी निर्भर होगा। क्योंकि अगर वो अगर अन्य देश अपने यहां अंतरराष्ट्रीय विमानों को आने की मंजूरी देते हैं तो ही ये संभव हो सकेगा। पुरी ने कहा कि, हमारे पास केवल यही विकल्प है कि नियंत्रण के साथ इवैक्युएशन पर ही काम किया जाए. इसके तहत विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम चल रहा है। अंतरराष्ट्रीय विमानों को शुरू करने के​ लिए दोनों पक्षों को तैयार होना होगा।

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