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Who Is Atishi Marlena’s Father: अफजल गुरु के समर्थक हैं दिल्ली की नई सीएम आतिशी के पिता? जानिए क्यों लग रहे उनके माता-पिता पर गंभीर आरोप..

नई दिल्ली। दिल्ली की राजनीति में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी को दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया। आतिशी के नाम की घोषणा होते ही राजनीतिक माहौल गरम हो गया, और विपक्ष की ओर से उनके खिलाफ तीखे हमले शुरू हो गए हैं। खासकर उनके पुराने सरनेम और उनके पिता को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है।

कौन हैं आतिशी के पिता?

आतिशी के पिता विजय सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और समाजसेवा में भी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। पंजाब से ताल्लुक रखने वाले विजय सिंह का राजनीतिक और सामाजिक जीवन विवादों में भी रहा है। उन पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी से बचाने के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे।

विपक्ष के आरोप

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने की खबर आते ही, विपक्ष ने उनके पिता पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विजय सिंह ने अफजल गुरु को बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज का दिन बेहद दुखद है। दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला बनने जा रही हैं, जिनके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी से बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी थी।”


केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता किरण रिजिजू ने भी इसी तरह के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आतिशी का परिवार अफजल गुरु को बचाने के लिए लगातार प्रयास करता रहा है, जो एक गंभीर मुद्दा है।

नाम पर भी विवाद

आतिशी का नाम उनके राजनीतिक और सामाजिक विचारों का प्रतीक है। उनके पिता विजय सिंह कट्टर कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े रहे हैं और उन्होंने आतिशी के नाम के साथ ‘मार्लेना’ जोड़ दिया था, जो कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन के उपनामों से प्रेरित है। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान आतिशी ने अपना यह उपनाम हटा दिया था, जब उन पर पंजाबी समुदाय के आधार पर वोट मांगने के आरोप लगे थे। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि आतिशी कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में 30% पंजाबी वोटर्स को लुभाने के लिए अपनी पंजाबी पहचान का उपयोग कर रही हैं। इस पर आतिशी ने जवाब दिया था कि उन्होंने कभी जाति या धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगे, बल्कि आम आदमी पार्टी के विकास कार्यों के आधार पर समर्थन की अपील की थी।

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