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Corona Vaccine: वैक्सीन लॉन्च करने के लिए विदेशी कंपनियों की राह हुई अब आसान, कई शर्तों में मिली ढील

Vaccination India

नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर होती दिख रही है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर भी हमला कर सकती है। इसको देखते हुए देश में वैक्सीनेशन को लेकर अभियान तेज कर दिया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस साल के अंत तक सभी को कोरोना का टीका लगाने का लक्ष्य है, जोकि दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। वैक्सीन की उपलब्धता और विकल्प को लेकर देश में अब विदेशी कंपनियों की राह को आसान किया गया है। बता दें कि भारत में विदेशी कंपनियों के लिए वैक्सीन लॉन्च करना अब आसान हो गया है। दरअसल अब विदेशी कंपनियों को कई शर्तों से छूट मिल गई है। सामने आई जानकारी के मुताबिक, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में वैक्सीन लॉन्च से पहले विदेशी कंपनियों के लिए जरूरी ब्रिजिंग ट्रायल को खत्म कर दिया है।

बता दें कि अगर किसी कंपनी की वैक्सीन को कहीं मंजूरी मिली हुई है तो उसे भारत में उसकी गुणवत्ता की जांच करवाने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। बता दें इसको लेकर फाइजर और सिप्ला जैसी कंपनियों ने ऐस तरह की राहतों की मांग की थी। DCGI ने कहा कि NEGVAC की सिफारिश के बाद इस तरह का फैसला लिया गया है कि यूएस एफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए, पीएमडीए जापान के वैक्सीन को भारत में आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए अनुमति दी जा रही है।

नोटिस में कहा गया है कि, अगर किसी वैक्सीन को उसके मूल देश की  राष्ट्रीय नियंत्रण प्रयोगशाला से प्रमाणपत्र मिला हुआ है तो इस हालत में उसे ब्रिजिंग क्लिनिकल ट्रायल करने की आवश्यकता और टीके के प्रत्येक बैच के परीक्षण की आवश्यकता केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल), कसौली को छूट दी जा सकती है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि, वैक्सीन के बैच/लॉट के प्रोटोकॉल और उसके सर्टिफिकेट की जांच और समीक्षा मानक प्रक्रियाओं के अनुसार बैच रिलीज के लिए CDL कसौली द्वारा की जाएगी। वहीं जिन पहले 100 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई है, उनकी सात दिन के आंकलन की जरूरत होगी। बता दें कि भारत में अभी तक फिलहाल कोविशील्ड, कोवैक्सीन का टीका लोगों को लगाया जा रहा है। वही रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।

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