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दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर पड़े IT छापों को मीडिया पर हमला बताने वालों को झटका, सैकड़ों करोड़ की टैक्स चोरी उजागर

नई दिल्ली। हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ और लखनऊ से चलने वाले रीजनल न्यूज चैनल ‘भारत समाचार’ के प्रमोटर्स के यहां गुरुवार को पड़ी इनकम टैक्स की रेड को मीडिया पर हमला बताकर छाती पीटने और मोदी सरकार पर हमला करने वालों की लाइन लग गई थी। ऐसे लोगों की जुबान पर इनकम टैक्स की ओर से दी गई जानकारी अब ताला लगा देगी। इनकम टैक्स के मुताबिक दैनिक भास्कर के प्रमोटर्स ने पिछले 6 साल में सैकड़ों करोड़ की कर चोरी की। वहीं, भारत समाचार के प्रमोटर्स ने भी ऐसा ही घपला किया। इनकम टैक्स विभाग की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि दैनिक भास्कर ने 700 करोड़ की टैक्स चोरी की। छापों में पता चला कि ग्रुप के प्रमोटर्स ने अपने कर्मचारियों के नाम से फर्जी कंपनियां बना रखी थीं। इसके अलावा तमाम शेल कंपनीज के जरिए घपले को अंजाम दिया गया। भास्कर ग्रुप की कंपनीज के बीच 2200 करोड़ के अवैध लेन-देन का पता चला है। साथ ही प्रमोटर्स और उनके खास कर्मचारियों के घर पर 26 लॉकर्स का भी पता इनकम टैक्स छापे से चला।

कंपनी के प्रमोटर्स ने एक मॉल के लिए 597 करोड़ का लोन सरकारी बैंक से लिया। फिर इसमें से 408 करोड़ रुपए अपनी ही एक दूसरी कंपनी को सिर्फ 1 फीसदी, जी हां 1 फीसदी पर लोन दे दिया। छापों से पता चला है कि विज्ञापन की रकम के मामले में भी धांधलेबाजी की गई। ग्रुप के रियल एस्टेट डिविजन ने कैश में रकम लेकर लोगों को संपत्तियां बेचीं। वहीं, भारत समाचार चैनल के प्रमोटर्स के यहां इनकम टैक्स छापों में 3 करोड़ से ज्यादा की रकम जब्त की गई। इनके 16 लॉकर भी सील किए गए हैं। इसके अलावा 200 करोड़ के अवैध लेन-देन से जुड़े दस्तावेज बरामद करने का दावा इनकम टैक्स विभाग ने किया है।

छापों से पता चला कि भारत समाचार के प्रमोटर खनन, शराब की बिक्री, आटा मिल और रियल एस्टेट वगैरा से बड़ी मात्रा में अवैध लेन-देन का काम कर रहे थे। फिलहाल विभाग के मुताबिक करोड़ों की टैक्स चोरी का पता चला है। ये सारी रकम शेल कंपनियों के जरिए बिना टैक्स दिए वापस लाई गई। भारत समाचार के प्रमोटर्स पर छापे में कोलकाता और अन्य जगह स्थापित 15 कंपनियों का कुछ अता-पता नहीं चला। इन कंपनियों ने 30 करोड़ की कमाई दिखाई। छापों में पता चला कि प्रमोटर्स ने 40 करोड़ से ज्यादा की रकम को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इधर-उधर किया। लोन दिए गए, जबकि माली हालत लोन देने लायक नहीं थी। एक व्यक्ति के पास पैसा नहीं है, लेकिन उसने एक करोड़ से ज्यादा का लोन मीडिया कंपनी को दिया। छापे में पता चला कि भारत समाचार के प्रमोटर्स ने या तो टैक्स भरा ही नहीं, या बहुत कम भरा।

एक ऐसी कंपनी मिली, जिसका पता गलत था और उसमें कोई कर्मचारी नहीं है, लेकिन दूसरी फर्जी कंपनी से उसे 4 करोड़ रुपए दिए गए। फर्जी तरीके से जमा की गई रकम 170 करोड़ से ज्यादा की है। जबकि कुल रकम 200 करोड़ है, जिसपर टैक्स चोरी की गई है। इसके अलावा इनकम टैक्स के नियमों का उल्लंघन कर 2 करोड़ रुपए दिए जाने का मामला भी सामने आया है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में रकम को ग्रुप के एक ट्रस्ट में डाला गया और वहां से निकालकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की बात भी सामने आई है।

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