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Election: पंजाब में सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच जंग और तेज, दोनों ने किया अपना ‘मॉडल’ लागू करने का एलान

चंडीगढ़। पंजाब में 20 तारीख को वोटिंग होनी है और वहां दोबारा सत्ता में आने की कोशिश में जुटी कांग्रेस के नेताओं के बीच जंग और बढ़ रही है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोल्ड वॉर तो चल ही रही थी। अब दोनों ‘पंजाब मॉडल’ को लेकर आमने सामने हैं। सिद्धू ने पहले ही अपना पंजाब मॉडल बता दिया है। इसके जवाब में चन्नी ने मंगलवार को अपना मॉडल बताया। वहीं, हालत ये है कि चुनाव सिर पर हैं, लेकिन राज्य में कांग्रेस अकेली पार्टी है, जो अब तक अपना घोषणापत्र जारी तक नहीं कर सकी है।

सीएम चन्नी ने मंगलवार को पंजाब की बेहतरी के लिए अपना जो मॉडल बताया है, उसमें सरकारी शिक्षण संस्थाओं में दलित छात्रों को मुफ्त शिक्षा, निजी संस्थानों में दलित, पिछड़े और आम गरीबों को ईडब्लूएस स्कॉलरशिप देने, विदेश में पढ़ने के इच्छुक छात्रों को ब्याज मुक्त लोन देने, युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिए भी ब्याज मुक्त लोन, सरकार बनने पर पहले साल में 1 लाख नौकरी, मुफ्त सेहत सुविधाएं और ऑपरेशन और दवाइयां मुफ्त के अलावा सरकार बनने के 6 महीने के भीतर जरूरतमंदों के घरों की छत को पक्का बनवाने की बात कही गई है। जाहिर है, सिद्धू का पंजाब मॉडल इससे काफी अलग है।

अब आपको बताते हैं कि सिद्धू ने अपना क्या मॉडल अब तक लोगों के सामने पेश किया था। सिद्धू के पंजाब मॉडल में कहा गया है कि बेअदबी के मामलों का निपटारा फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर किया जाएगा। इसके अलावा एक्साइज में गड़बड़ी रोकने के लिए पंजाब में राज्य शराब निगम बनाने की बात उन्होंने कही थी। अवैध खनन रोकने के लिए राज्य रेत खनन निगम बनाने और केबल नियामक आयोग बनाकर 5 हजार करोड़ के राजस्व की बढ़ोतरी का दावा भी सिद्धू ने किया था। इसके अलावा नई परिवहन नीति, मोहाली को आईटी हब बनाने और युवाओं को रोजगार देने की बात भी सिद्धू ने कही थी। 10 औद्योगिक और 13 फूड इंडस्ट्री लगाने और स्किल आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने का एलान भी सिद्धू पहले कर चुके हैं, लेकिन चन्नी ने जो मॉडल बताया है, वो आम लोगों के काफी करीब है। ऐसे में पंजाब कांग्रेस में इसकी चर्चा हो रही है कि अगर फिर सरकार बनी, तो किसका मॉडल लागू होगा।

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