चुरू। राजस्थान में भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर प्लेन चुरू के रतनगढ़ इलाके स्थित भानुदा गांव के खेतों में क्रैश हुआ। ग्रामीणों के मुताबिक आसमान में तेज आवाज के बाद फाइटर प्लेन खेतों में गिरा और उसमें आग लग गई। ग्रामीणों ने खुद आग बुझाने की कोशिश की। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश में दो पायलटों की जान गई है। शव काफी क्षतिग्रस्त हालत में मिलने की खबर है। जगुआर में दो पायलट सवार थे। दो पायलटों वाला फाइटर प्लेन आम तौर पर ट्रेनिंग के काम में आता है।
– चूरू जिले के रतनगढ़ क्षेत्र के भानुदा गांव में प्लेन क्रैश
– स्थानीय लोगों ने दी पुलिस को जानकारी
– राजलदेसर थाने से पुलिस टीम मौके पर
– 2 लोगों की मौत की सूचना, पुष्टि होना बाकी
– वायुसेना का बताया जा रहा प्लेन#Churu #Rajasthan pic.twitter.com/FEIJ3US4GM
— Avdhesh Pareek (@Zinda_Avdhesh) July 9, 2025
ग्रामीणों ने फाइटर प्लेन क्रैश होने की सूचना पुलिस को दी। जगुआर फाइटर प्लेन एक पेड़ पर गिरा। जिसके बाद उसके हिस्से बड़े इलाके में फैल गए। पुलिस ने चुरू के डीएम अभिषेक सुराना और पुलिस के वरिष्ठ अफसरों को जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश होने की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद चुरू के डीएम और अन्य अफसर रतनगढ़ स्थित उस गांव पहुंचे, जहां के खेतों में फाइटर प्लेन क्रैश हुआ था। वायुसेना को भी फाइटर प्लेन क्रैश होने की जानकारी दी गई। सेना के जवानों ने मौके पर पहुंचकर दुर्घटनाग्रस्त फाइटर प्लेन के हिस्सों को इकट्ठा किया। माना जा रहा है कि उड़ान के दौरान ही जगुआर फाइटर प्लेन में कोई बड़ी तकनीकी दिक्कत आई और पायलटों को बचकर इजेक्ट करने का भी मौका नहीं मिल सका। हालांकि, हादसे की सही वजह भारतीय वायुसेना की जांच में ही सामने आएगी। जगुआर मल्टी रोल फाइटर प्लेन है। हालांकि, ये काफी पुराना हो चुका है।
जगुआर फाइटर प्लेन भारतीय वायुसेना के लिए ब्रिटेन से खरीदा गया था। जगुआर फाइटर प्लेन को भारत में बनाया भी गया। जगुआर फाइटर प्लेन से दुश्मनों के विमानों को खदेड़ने के काम के अलावा बमबारी भी की जा सकती है। जगुआर फाइटर प्लेन परमाणु बम भी ले जाने में सक्षम विमान है। जगुआर फाइटर प्लेन 80 के दशक में खरीदे गए थे और काफी पुराने हो चुके हैं। ऐसे में भारतीय वायुसेना इनको धीरे-धीरे सेवा से हटाने की तैयारी में लगी है। इससे पहले भारतीय वायुसेना ने मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमानों को सेवा से बाहर किया था। इसकी वजह भी लगातार मिग विमानों के हो रहे हादसे थे।