नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सिंधु नदी जल समझौता स्थगित कर दिया है। इसी मसले पर बोलते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बोल बिगड़ गए। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि नदियां हजारों साल से बह रही हैं। आप उनका पानी कहां ले जाएंगे। आगे अरशद मदनी ने कहा कि मुझे लगता है कि नियम प्यार का होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने भारत में मुसलमानों की हालत पर विवाद पैदा करने वाला बयान दे दिया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने क्या कहा, ये सुनिए।
#WATCH | Delhi | On the government putting the Indus Waters Treaty at abeyance, President of Jamiat Ulama-i-Hind, Arshad Madani says, “If someone stops water, let them stop it… These rivers have been flowing for thousands of years, where will you take their water? It’s not… pic.twitter.com/6pgBv4FzDr
— ANI (@ANI) May 4, 2025
मौलाना अरशद मदनी का संगठन उन मुस्लिम तंजीमों में है, जो वक्फ संशोधन कानून 2025 का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में कल यानी सोमवार को वक्फ कानून पर सुनवाई है। इस सुनवाई से पहले मौलाना अरशद मदनी को नजर आया है कि भारत में मुसलमान परेशान हैं। मौलाना अरशद मदनी ने पहले भी विवाद पैदा करने वाले बयान दिए हैं। एक बार तो मौलाना अरशद मदनी के बयान के बाद जमीयत के मंच पर बैठे दूसरे धर्मों के गुरु वहां से चले तक गए थे। वो बीजेपी को सांप्रदायिक भी कह चुके हैं। मदनी ने कहा था कि इसी वजह से बीजेपी की लोकसभा चुनाव में सीटें घटी हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि मुसलमान सबक सिखाने के लिए तैयार है। 8वीं के बाद लड़कों के साथ लड़कियों की पढ़ाई को भी अरशद मदनी गलत बताकर खत्म करने की मांग कर चुके हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत ज्यादा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि पहलगाम के हमलावरों और उनके आकाओं को बख्शा नहीं जाएगा। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं। इन सबके बीच विवादित बयान भी आने लगे। कर्नाटक के सीएम सिद्धारामैया, महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता विजय वडेट्टिवार और चरणजीत सिंह चन्नी ने विवाद पैदा करने वाले बयान दिए। बाद में तीनों ने कहा कि उनके बयान का वो मतलब नहीं था, जो लोग समझ रहे हैं। अब मौलाना अरशद मदनी के बयान से सियासत के एक बार फिर गर्माने के आसार हैं।