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J&K: आतंकवादियों से रिश्ते पड़ेंगे भारी, जम्मू-कश्मीर सरकार इतने कर्मचारियों पर लेने जा रही फैसला

jammu kashmir

जम्मू। संविधान का अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने से पहले मौज काटने वाले और आतंकियों की मदद करने वाले जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों की अब खराब हालत है। कई कर्मचारियों और अफसरों को सरकारी नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। अब जम्मू-कश्मीर सरकार और अफसरों को भी निकालने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक 47 अफसरों और कर्मचारियों पर आने वाले दिनों में गाज गिराने की तैयारी है। इनमें से 28 के रिश्ते आतंकियों और उनके मददगारों से होने का पता चला है। जबकि, 19 अन्य को ढिलाई की वजह से बर्खास्त किया जाएगा। अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया था। जिसके बाद से ही आतंकियों के पनाहगारों और उनसे रिश्ते रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी। नौकरी गंवाने वालों में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता रहे सैयद अली शाह गिलानी का पौत्र भी है। उसे आतंकवादियों की मदद के आरोप में बीते दिनों नौकरी से बर्खास्त किया गया था।

इस बीच, खबरें ये भी हैं कि मोदी सरकार जल्दी ही जम्मू-कश्मीर के मसले पर और बड़ा फैसला लेने जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार जल्दी ही हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों धड़ों पर आतंकवाद विरोधी यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई कर इन्हें बैन कर सकती है। बता दें कि दोनों ही धड़े पाकिस्तान परस्त हैं और इनमें से गिलानी वाला धड़ा खुलेआम आतंकवाद का समर्थन करता रहा है।

पिछले दिनों बाहरी मजदूरों पर आतंकवादियों ने कई हमले किए थे। जिसके बाद खुद गृहमंत्री अमित शाह घाटी गए थे। शाह के दौरे के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है। श्रीनगर में ऑपरेट करने वाले 20 आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। अब एक आतंकी की तलाश जोर-शोर से की जा रही है। बीते कुछ दिनों में घाटी में कई बड़े आतंकियों को भी सुरक्षाबलों ने ढेर किया है।

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