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Bulldozer Action On Shelter Givers To Terrorists: जम्मू-कश्मीर में अब आतंकियों को पनाह देने वालों के घर होंगे जमींदोज, लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का एलान

Bulldozer Action On Shelter Givers To Terrorists: जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में आतंकी हमले बढ़े हैं। सेना को भी निशाना बनाकर आतंकियों ने कई हमले किए। वहीं, बीते कुछ दिनों से प्रवासियों को भी दहशतगर्द निशाना बना रहे हैं। ऐसे में अब आतंकियों को शरण देने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है। उनके घर जमींदोज करने का एलान मनोज सिन्हा ने किया है।

बारामूला। जम्मू-कश्मीर में हाल के महीनों में आतंकी हमले बढ़े हैं। सेना को भी निशाना बनाकर आतंकियों ने कई हमले किए। वहीं, बीते कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों को भी दहशतगर्द निशाना बना रहे हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने पहले सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज करने और उनको मिटाने का आदेश दिया। अब मनोज सिन्हा ने चेतावनी दी है कि अगर जम्मू-कश्मीर में किसी ने भी आतंकियों को पनाह दी, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

मनोज सिन्हा ने मंगलवार को बारामूला में एक कार्यक्रम के दौरान ये चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को निर्देश दिए गए हैं कि जम्मू-कश्मीर में किसी निर्दोष को न सताएं, लेकिन किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अगर कोई आतंकियों को पनाह देता है, तो उसके घर को जमींदोज किया जाएगा। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा। मनोज सिन्हा ने लोगों से दहशतगर्दों के खिलाफ एकजुटता दिखाने का भी आह्वान किया। जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि अगर लोग और प्रशासन एकजुट हो जाएं, तो एक साल में ही आतंकवाद का सफाया हो सकता है। मनोज सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये अत्याचार नहीं, न्याय की मांग है। इस तरह का न्याय जारी रहेगा।

मनोज सिन्हा ने कहा कि पड़ोसी देश अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चिंता की बात ये है कि यहां के लोग ही उसके निर्देश पर ऐसा कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान जनता की भी जिम्मेदारी है। अगर ऐसे तत्वों के खिलाफ खड़े नहीं होंगे, तो हालात कभी नहीं बदलेंगे। जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि जो लोग औपचारिक तौर पर बयान देते हैं, वे आतंकियों से भी बदतर हैं। जाहिर है कि उनका निशाना जम्मू-कश्मीर की स्थानीय पार्टियों के उन नेताओं की तरफ था। जो आतंकी हमले होने पर उसकी निंदा करने की जगह मामले को मोड़ने की कोशिश करते हैं।

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