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I.N.D.I.A Alliance: जेडीयू का गंभीर आरोप, केसी त्यागी बोले- कांग्रेस के अड़ियल रवैये से इंडिया गठबंधन टूट की ओर

नई दिल्ली। क्या इंडिया गठबंधन अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है? क्या जिन उद्देश्यों के साथ इंडिया गठबंधन के बैनर तले सभी विपक्षी दलों के नेता एकत्रित हुए थे, वो सभी दल अब अपने मकसद से दिग्भ्रमित हो रहे है? क्या मोदी सरकार के विजयी रथ को रोकने के मकसद से एकत्रित होने वाले नेता अब एक दूसरे को रोकने पर ही उतारू हो चुके हैं? जी हां…आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से हिंदुस्तान की राजनीतिक गलियारों में इन सभी सवालों को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। गुलजार इसलिए क्योंकि एक तरफ जहां बिहार में जदयू और राजद के बीच खींचतान अपने चरम पर पहुंच चुकी है, तो वहीं दूसरी तरफ बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

इसके साथ ही बीते दिनों पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी ममता दीदी के सुर में सुर मिलाते हुए स्पष्ट कर दिय था कि आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अकेले ही चनाव लड़ेगी। वो कांग्रेस या किसी अन्य दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। ध्यान दें, मान मीडिया के सामने कोई भी बयान सीएम केजरीवाल की रजामंदी के बगैर नहीं देते हैं, तो ऐसे में स्पष्ट है कि मान ने यह बयान देने से पहले केजरीवाल की इजाजत तो जरूर ही ली होगी और क्या पता खुद केजरीवाल ने ही उन्हें इस तरह का बयान देने का निर्देश दिया हो।

हालांकि, अगर केजरीवाल के रूख की बात करें, तो वो भी बहती हुई नदी में हाथ धोते हुए नजर आ रहे हैं। बीते दिनों जब उनसे मीडिया ने राम मंदिर को लेकर सवाल किया था, तो उन्होंने दो टूक कह दिया था कि वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ राम मंदिर के दर्शन करने जाएंगे और इतना ही नहीं अयोध्या से अधिक के अधिक श्रद्धालुओं को आगामी दिनों में राम मंदिर के दर्शन के लिए बसों का भी इंतजाम करेंगे। ध्यान दें, आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल है और इसी गठबंधन ने बीते दिनों राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजे गए न्योते को ठुकरा दिया था। हालांकि, राहुल ने अपने बयान में यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर कोई राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाना चाहता है, तो जा सकता है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, मगर जिस तरह केजरीवाल ने राममय माहौल के बीच उक्त बयान दिया है, उससे उनकी सियासी चतुराई साफ परिलक्षित होती है, मगर इन तमाम घटनाओं के बीच एक बात साफ जाहिर है कि इंडिया गठबंधन की नौका में बड़ा छेद हो चुका है और अगर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस छेद को नहीं भरा गया , तो यह नाव डूब भी सकती है।

वहीं, अब इंडिया गठबंधन को लेकर जदयू महासचिव केसी त्यागी ने बेहद ही चौंकाने वाला बयान दिया है । उन्होंने कहा कि, ‘इंडिया गठबंधन टूट के कगार पर है। जिस मेहनत और इरादों से नीतीश ने इसे संचित किया था। कांग्रेस पार्टी के गैर-जिम्मेदारना और अड़ियल रवैये ने इसे तार-तार कर दिया। पंजाब में अकाली दल और बीजेपी के साथ आने की संभावना बढ़ी और कांग्रेस के बीच झगड़े की संभावना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस समय जिम्मेदारी के साथ पेश आना चाहिए। अब देखना होगा कि आगामी दिनों में कांग्रेस की इस पर क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। लेकिन, उससे पहले आपको बता दें कि जदयू महासचिव केसी त्यागी ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब बिहार में राजद और जदयू के बीच खींचतान अपने चरम पर पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार कभी-भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इस बीच बीजेपी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस बार नीतीश कुमार हमारे पाले में आते हैं, तो उन्हें सीएम पद नहीं दिया जाएगा।


वहीं, बिहार में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘”मुझे जेडीयू के भारत गठबंधन से बाहर निकलने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनके मन में क्या है यह स्पष्ट नहीं है। मैं कल देहरादून जा रहा हूं, फिर दिल्ली। मैं पूरी जानकारी लूंगा और फिर आपको जानकारी दूंगा।” देखते हैं क्या होगा… हमारी कोशिश सभी को एकजुट करने की है। मैंने ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव और सीताराम येचुरी से बात की है। अगर हम एकजुट होंगे तो अच्छी लड़ाई लड़ेंगे और भारत गठबंधन सफल होगा। . जो लोग लोकतंत्र को बचाने में रुचि रखते हैं वे अपना मन नहीं बदलेंगे और हमारे साथ रहेंगे।”

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