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अब झारखंड में सीधे नहीं हो पाएगी CBI की एंट्री, महाराष्ट्र के नक्शे कदम पर चला प्रदेश

Hemant Soren and CBI

नई दिल्ली। झारखंड (Jharkhand) की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Govt) ने सीबीआई (CBI) जांच के लिए सामान्‍य सहमति को वापस लिया। इसके साथ ही झारखंड देश का ऐसा 8वां राज्‍य बन गया जिसने राज्‍य में किसी मामले की सीबीआई जांच के लिए सामान्‍य सहमति को वापस लेने का फैसला किया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सीएमओ ने कहा, ‘झारखंड सरकार द्वारा दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है।’

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के बाद सीबीआई को अब झारखण्ड में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो झारखण्ड सरकार (तत्कालीन बिहार) द्वारा 19 फरवरी 1996 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी।

वह विपक्ष के उन खास राज्‍यों में शामिल हो गया है जिन्‍होंने अपने राज्‍य के दरवाजे सीबीआई के लिए बंद कर दिए है। झारखंड की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद सीबीआई को अब राज्‍य में किसी भी मामले की जांच के लिए राज्‍य सरकार की इजाजत लेना जरूरी होगा।

ऐसा आदेश पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा और राजस्थान सरकार पहले ही जारी कर चुकी हैं। हालांकि, बाद में आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने सीबीआई को वापस यह अधिकार अपने राज्य में दे दिया था। झारखंड से पहले सीबीआई से यह अधिकार वापस लेने वाला महाराष्ट्र अंतिम राज्य था।

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