नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किल बढ़ सकती है। चारा घोटाले से जुड़े मामले में लालू यादव की सजा बढ़ाने की मांग वाली सीबीआई की याचिका को झारखंड हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। निचली अदालत ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी जबकि सीबीआई उनको अधिकतम सजा की मांग कर रही है। देवघर कोषागार से अवैध रूप से 89 लाख रुपए की निकासी के मामले में सीबीआई ने लालू के अलावा अन्य दोषियों बेक जूलियस और सुधीर कुमार भट्टाचार्य की सजा बढ़ाने की भी मांग उठाई है।
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की बेंच ने सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया। सीबीआई की ओर से साल 2019 में यह याचिका दायर की गई थी। सीबीआई का कहना है कि इस मामले में सरकारी धन का दुरुपयोग तो हुआ ही साथ में जनता के साथ भी विश्वासघात किया गया। इसलिए ऐसे अपराध की गंभीरता को देखते हुए साढ़े तीन साल की सजा कम है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि घोटालेबाजों के लिए एक मिसाल कायम हो सके। याचिका स्वीकार होने के साथ ही अब सीबीआई को इस मामले में दलील रखने की स्वतंत्रता मिल गई है।
सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट में अपनी याचिका के जरिए यह मांग की है कि चारा घोटाले से जुड़े इसी मामले में दोषी जगदीश शर्मा को अदालत ने 7 साल जेल की सजा सुनाई है। लालू यादव इस घोटाले के मुख्य आरोपी और साजिशकर्ता हैं इसलिए उनको भी अधिकतम सजा सुनाई जानी चाहिए। चारा घोटाला के तीन मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 13 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। एक तरफ बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, ऐसे में लालू यादव के लिए यह खबर एक झटके की तरह है।