News Room Post

Dushyant Chautala: हरियाणा में बीजेपी विरोधी दुष्यंत चौटाला की जेजेपी में टूट का खतरा मंडराया!, विधायक बबली ने खोला मोर्चा

चंडीगढ़। हरियाणा में नायब सिंह सैनी की सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी समेत विपक्ष विधानसभा में विश्वासमत लेने की मांग कर रहा है। वहीं, इस मसले पर खुद दुष्यंत चौटाला की पार्टी में विरोध के सुर उठ रहे हैं। जेजेपी के विधायक देवेंदर सिंह बबली ने कहा है कि दुष्यंत चौटाला को जेजेपी को अपने परिवार की पार्टी नहीं मानना चाहिए। बबली ने बीते दिनों जेजेपी के 2 विधायकों के साथ पूर्व सीएम और बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात भी की थी। ऐसे में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी में टूट का खतरा पैदा होता दिख रहा है।

दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के विधायक देवेंदर सिंह बबली।

देवेंदर सिंह बबली ने दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने नायब सिंह सैनी सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग करने वाली चिट्ठी राज्यपाल को लिखने से पहले जेजेपी विधायकों से कोई बात नहीं की। बबली ने कहा है कि पार्टियां लोकतांत्रिक व्यवस्था के मुताबिक काम करती हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला और उनकी मां के अलावा 8 और विधायक भी चुने गए थे। वहीं, अपनी सरकार के अल्पमत में होने की बात पर सीएम नायब सिंह सैनी ने भी प्रतिक्रिया दी है। सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि एक महीना पहले ही उन्होंने विश्वासमत हासिल किया। सैनी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है।

अगर हरियाणा विधानसभा में मौजूदा विधायकों की संख्या देखें, तो कुल 90 सदस्यों में से 88 ही हैं। सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर और एक अन्य विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। बीजेपी के 40 सदस्य हैं। वहीं, जेजेपी के 10 विधायक हरियाणा में हैं। कांग्रेस के 30 विधायक हैं। वहीं, आईएनएलडी का 1 और 4 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं। वहीं, बीजेपी के साथ गोपाल कांडा और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। फिलहाल के संख्याबल से बीजेपी को सरकार बचाए रखने के लिए 45 विधायकों का समर्थन चाहिए। जबकि, उसके पास इससे 2 विधायक कम हैं। अगर जेजेपी में टूट हुई, तो बीजेपी आसानी से विधानसभा में बहुमत हासिल कर लेगी।

Exit mobile version