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कांवड़ यात्रा रुकवाने के लिए सब तैयार, लेकिन केरल में जो होने जा रहा है उसपर हर तरफ सन्नाटा

Kanwar Yatra

तिरुवनंतपुरम/देहरादून। एक तरफ कांवड़ यात्रा है और दूसरी तरफ बकरीद। दोनों ही हिन्दुओं और मुसलमानों के बड़े धार्मिक पर्व हैं। लेकिन हो क्या रहा है ? हो यह रहा है कि कांवड़ यात्रा को कोरोना की दुहाई देकर रोकने की बात हो रही है, लेकिन केरल सरकार ने तय किया है कि बकरीद के मौके पर खरीदारी के लिए दुकानों को खोलने की मंजूरी दी जाएगी। केरल सरकार के इस फैसले पर हर तरफ चुप्पी है। पहले बात करते हैं केरल की। यहां की वामपंथी सरकार के मुखिया हैं पिनरई विजयन। उनकी सरकार अब तक कोरोना की लगाम कसने में नाकाम रही है। केरल में रोज कोरोना के नए केस बढ़ रहे हैं, लेकिन विजयन को इससे शायद लेना-देना नहीं। लेना-देना होता, तो वह बकरीद के मौके पर 18, 19 और 20 जुलाई को खरीदारी के लिए कपड़े, जूते, फैंसी शॉप, ज्यूलरी और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की दुकानों को खोलने की मंजूरी नहीं देते। जी हां, आपने सही पढ़ा। केरल की वामपंथी सरकार ने बकरीद के कारण तीन दिन के लिए दुकानों को खोलने की मंजूरी दे दी है। टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में ए, बी और सी कैटेगरी के सभी शहरों में लॉकडाउन नियमों में ढील देकर दुकानें खुलवाई जाएंगी।

कांवड़ यात्रा पर रोक लेकिन बकरीद पर मेहरबानी

अब बात कर लेते हैं कांवड़ यात्रा की। सावन के महीने में हिंदुओं का यह महत्वपूर्ण पर्व होता है। दूर-दूर से कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं और वहां से गंगाजल लेकर शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। यहीं पर बात आ रही है करम और सितम की। केरल सरकार ने बकरीद पर बाजार खोलने की मंजूरी दे दी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। जबकि, कांवड़ यात्रा को रुकवाने के लिए कोर्ट भी तैयार है और सरकारें भी।

कोरोना के मामलों पर एक नजर

अब जरा केरल और उत्तराखंड और यूपी के कोरोना केस की बात भी कर ली जाए। केरल में शुक्रवार को ही 13750 नए कोरोना मरीज मिले हैं। राज्य में 1 लाख 21 हजार एक्टिव केस हैं। 130 लोगों ने कल जान गंवाई थी। वहीं, उत्तराखंड में शुक्रवार को सिर्फ 39 नए केस आए थे। वहां अभी एक्टिव केस 698 हैं और कल सिर्फ एक मरीज की जान गई है। बात करें कांवड़ यात्रा से जुड़े दूसरे राज्य यूपी की, तो यहां शुक्रवार को 86 नए केस आए थे। यूपी में एक्टिव केस 1339 हैं। जबकि, कल यहां छह लोगों ने कोरोना की वजह से जान गंवाई थी।

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