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Nishikant Dubey: ‘कर्म प्रधान विश्व करि राखा.. पीएम मोदी की शंकराचार्य से तुलना करते हुए क्या बोले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे

Nishikant Dubey: निशिकांत दुबे ने ये बयान गोड्डा में एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जहां उन्होंने पीएम मोदी की तुलना शंकराचार्यों से करते हुए मोदी की 11 दिनों की तपस्या और उपवास को एक तपस्वी के जीवन के समान बताया।

नई दिल्ली। झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शंकराचार्य के बीच समानताएं बताते हुए कहा कि दोनों निस्वार्थ भाव से समाज के लिए जीते हैं। यह बयान ऐसे नाजुक समय में सामने आया है जब चारों शंकराचार्य 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर की अधूरी स्थिति पर चिंता व्यक्त की और प्रतिष्ठा समारोह में अपनाए जा रहे अपरंपरागत दृष्टिकोण की आलोचना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभिषेक को पारंपरिक प्रथाओं से किसी भी विचलन को अस्वीकार करते हुए, शास्त्रीय दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

निशिकांत दुबे ने ये बयान गोड्डा में एक कार्यक्रम के दौरान दिया, जहां उन्होंने पीएम मोदी की तुलना शंकराचार्यों से करते हुए मोदी की 11 दिनों की तपस्या और उपवास को एक तपस्वी के जीवन के समान बताया। दुबे ने एक संस्कृत श्लोक का पाठ करते हुए कहा कि जिस तरह शंकराचार्य एकांत में समाज के लिए रहते हैं, उसी तरह पीएम मोदी भी अपना जीवन जीते हैं।

अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के कुछ शंकराचार्यों के विरोध को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए दुबे ने इस कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद एक ऐतिहासिक क्षण आ रहा है। उन्होंने शंकराचार्यों का विरोध न करने की अपील करते हुए इस बात पर जोर दिया कि राम मंदिर में भगवान राम की मौजूदगी को लेकर पूरा देश उत्साहित है। इस बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। भले ही आमंत्रित किया गया हो, उन्होंने धार्मिक समारोहों में शास्त्रों का पालन करने और उचित अनुष्ठानों का पालन करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे।

 

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