News Room Post

CBI: कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद बने सीबीआई के नए निदेशक, कांग्रेस ने नियुक्ति पर जताई थी आपत्ति, लेकिन… !

भारत की सबसे बड़ी विश्वनीय जांच एजेंसी में से एक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के नए सर्वेसर्वा अब कर्नाटक के वर्तमान डीजीपी प्रवीण सूद होंगे। इन्हें दो साल के लिए इस एजेंसी की कमान सौंपी गई है। इससे पहले इसकी कमान सुबोध कुमार जायसवाल के पास थी। अब उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, तो इसकी कमान प्रवीण सूद को सौंपी गई है, लेकिन क्या आपको पता है कि सीबीआई निदेशक के रूप में प्रवीण सूद की नियुक्ति का कांग्रेस ने विरोध किया था। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल, पीएम मोदी, भारत के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की तीन सदस्यीय समिति ने पारस्परिक सहमति स प्रवीन सूद की नियक्ति सीबीआई निदेशक के पद पर की है। मिली जानकारी के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी सूद की नियुक्ति का विरोध किया था। उनके अलावा केंद्रीय सतर्कता आयोग और लोकपाल की नियुक्ति पर भी चर्चा की थी। आइए, अब आगे आपको विस्तार से बताते हैं कि प्रवीण सूद कौन हैं?

कौन हैं प्रवीण सूद

प्रवीण सूद की गिनती तेजतर्रार अफसरों में से होती है, जो कि पेचीदे से पेचीदे मामले को पलक झपकते ही सुलझाने का माद्दा रखते हैं। इससे पहले वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। बता दें कि 1964 में हिमाचल में पैदा हुए सूद ने दिल्ली से आईआईटी में स्नातक किया था और इसके बाद 1986 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए। उन्होंने बतौर अधीक्षक बेल्लारी सहित अन्य इलाकों में सेवा दी। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु में पुलिस उपायुक्त के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। इसके बाद उन्हें साल 2020 में कर्नाटक के डीजीपी के नियुक्ति की दी गई। वहीं, अब जाकर उन्हें सीबीआई के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है, तो अब तक आप उनके बारे में इतना सबकुछ जान चुके हैं, तो आइए अब आगे यह भी जान लेते हैं कि आखिर कांग्रेस ने उनकी नियुक्ति का क्यों विरोध किया ?

कांग्रेस ने क्यों किया विरोध

मार्च माह में ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने प्रवीण सूद पर आरोप लगाया था कि वो बीजेपी के प्रति पूर्वाग्रह रखते हैं, जिससे कहीं ना कहीं सरकार को अपनी मंशा को धरातल पर उतारने में मदद मिलती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहने से गुरेज नहीं किया था कि ऐसा करके कई मर्तबा बीजेपी उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है, जिसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी थी। बहरहाल, अब देखना दिलचस्प रहेगा कि बतौर सीबीआई निदेशक नियुक्त होने के बाद वो लंबित पड़े विभिन्न मामलों को निपटाने हेतु क्या कुछ कदम उठाते हैं।

Exit mobile version