नई दिल्ली। नूपुर शर्मा विवाद को लेकर चौतरफा प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है, लेकिन इस प्रकरण में एक जमात ऐसी भी उभकर सामने आई है, जो कि अब इस मामले को हिंसात्मक बनाने में जुट चुकी है। दरअसल, नूपुर शर्मा के कथित विवादास्पद बयान का जहां विरोध किया जा रहा है, तो वहीं कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से नूपुर के बयान का समर्थन करने पर लोगों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है, उसे लेकर अब देश में अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर बहस की बयार बह रही है। समाज के प्रबुद्ध लोग इस मसले पर खुलकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। उधर, बीते दिनों नूपुर शर्मा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज पारडीवाला और सूर्यकांत ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता को कड़ी फटकार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि आज देश आपकी वजह से जल रहा है। उधऱ, सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का जहां कुछ लोगों ने विरोध किया था तो वहीं कुछ लोगों ने समर्थन भी। वहीं, अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा की गई टिप्पणी का समर्थन किया है। आइए, आपको आगे विस्तार से बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।
केसीआर ने कहा कि मैं जज पारदीवाला और सूर्यकांत को उनके द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उन्हें सलाम करता हूं। हम सभी को मिलकर भारत में इसी भावना को जिंदा रखना है। देश को इसी तानाशाही ताकतों से बचाना होगा। उन्होंने आगे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र कर कहा है कि मैं तो उनका शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने आपातकाल लगाने से पहले घोषणा की थी। लेकिन मौजूदा दौर में देश में अघोषित अपातकाल है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जाहिर की है कि देश में जजों को धमकाया जा रहा है।
एक भय का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। यह लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। यह निकट भविष्य में लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है। बता दें कि उन्होंने इसके अलावा डबल इंजन वाली सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगर हमारी ताकत 100 हॉर्सपावर की है तो केंद्र की ताकत सिर्फ 50 हॉर्सपावर और यूपी की तो 25 है। अब इस लिहाज से देखे तो केंद्र में उसी की सरकार बननी चाहिए जिसके पास हॉसपारव ज्यादा है।