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#OperationSheeshMahal: सवालों के घेरे में केजरीवाल, जब आर्थिक बदहाली से जूझ रही थी दिल्ली, तब क्यों लाखों के पर्दे अपने घर पर लगवाए?

CM Kejriwal

नई दिल्ली। खुद को आम आदमी का मसीहा बताने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने घर में महंगे पर्दे लगवाने को लेकर बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। वैसे अपने घर कौन कितने पर्दे लगवाएगा, ये तो निजी विषय है, इसमें किसी को हस्तक्षेप करने का कोई नैतिक हक नहीं है, लेकिन सीएम केजरीवाल का मामला थोड़ा अलग है, इसलिए उनके घर में लगे महंगे पर्दों को दिल्ली की राजनीति में घमासान छिड़ गया है। आइए, आगे आपको पूरा माजरा तफसील से बताते हैं।


दरअसल, केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे वक्त में अपने घर पर बेशकीमती पर्दें लगवाए थे, जब पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही थी। लोगों की नौकरियां जा रहीं थीं, तो कोई आर्थिक दुश्वारियों से जूझ रहा था। ऐसे में अब लोगों के जेहन में बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि भला ऐसी आर्थिक बदहाली के दौर में उनके पास अथाह पैसे कहां से आए?, वो भी महज पर्दों के लिए? आइए, सामने इन आंक़ड़ों पर नजर डालिए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम केजरीवाल के आवास पर 2021-22 में कुल 23 पर्दे लगाए जाने के ऑर्डर दिए गए थे, जिसमें से 8 पर्दे लग थे, जिनकी लागत 45 लाख रुपए बताई जा रही है। इसके बाद दूसरे फेज में 15 पर्दे लगाए गए थे, जिनकी कीमत 51 लाख रुपए बताई जा रही है। बता दें कि ये वो साल थें, जब दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा था। किसी की नौकरी जा रही थी, तो किसी का व्यापार घाटे में था। लोगों की बेबसी का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि उन्हें दो जून की रोटी भी मयस्सर होना दूभर हो गई थी।

ऐसी आलम में खुद को आम आदमी का मसीहा बताने वाले सीएम केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने लाखों रुपए पानी की तरह महज पर्दे लगाने में ही बहा दिए। बहरहाल, इस पूरे मसले के बाद आप बीजेपी के निशाने पर आ गई है । वहीं, अभी तक बीजेपी की तरफ से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया साझा नहीं की गई है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है । इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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