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सजायाफ्ता पूर्व सांसद के आगे नतमस्तक हुई खाकीवर्दी, तो चुकानी पड़ी पुलिसकर्मियों को भारी कीमत, पड़ गए लेने के देने

नई दिल्ली। चलिए, मान लेते हैं कि सरकार ने आपको खाकीवर्दी दे रखी है, तो आपके पास सामान्य व्यक्ति की तुलना में अतिरिक्त सामार्थ्य है, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं हो जाता ना कि आप उस सामार्थ्य का अनुचित उपयोग करने पर आमादा हो जाएं। अगर आप ऐसे करेंगे तो जाहिर है कि प्रशासन का चाबुक आपके खिलाफ चलेगा। ऐसा ही कुछ उन पांच संस्पेड पुलिसकर्मियों के साथ हुआ है, जिन्होंने पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल की जगह उनके घर ले गए, जहां ना महज उनकी आवभगत की गई, अपितु उन्होंने अपने विशेष प्रयोजन के तहत बैठक भी किया, जिसकी तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गई।

वहीं, जैसे ही पूरा माजरा प्रकाश में आया तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सहरसा एसपी लिपि सिंह ने मुख्यालय को जांच का आदेश दिया। मुख्यालय डीएसपी की जांच रिपोर्ट में सभी पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। मुख्यालय डीएसपी की अनुशंसा पर सहरसा एसपी ने दोषी पाए गए सभी 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इधर, इस पूरे प्रकरण में पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीएस गंगवार ने सहरसा एसपी लिपि सिंह से रिपोर्ट तलब किया है।

आपको बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम डीएम जी जी कृष्णैय्या हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस बीच पूर्व सांसद पुलिस कस्टडी में भेजने के बाद पटना कोर्ट में पेशी थी, लेकिन पुलिसकर्मियों पूर्व सांसद को पेशी में ले जाने की जगह उनके घर पर ले गए। फिलहाल, ऐसा करने वाले सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रशासन चाबुक चल गया है। दारोगा संतोष कुमार, कांस्टेबल राजू कुमार गुप्ता, कांस्टेबल शिव प्रकाश कुमार, सिपाही दिनेश कुमार, सिपाही राजू कुमार और सैप ड्राइवर रविंद्र सिंह शामिल हैं। सहरसा एसपी ने इन जवानों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

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