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Bikaner: किन्नर समाज ने शुरू की अनोखी पहल, गरीब बेटियों के हाथ पीले करने का उठाया जिम्मा

Bikaner:बीकानेर के किन्नर समाज ने बिना बाप की सात बेटियों में से दो बेटियों की शादी का जिम्मा उठाया है। किन्नर समाज के इस अनोखे काम की सराहना हर तरफ हो रही है। दरअसल गोपेश्वर बस्ती स्थित कुम्हारों की मोड़ पर एक परिवार रहता है। जहां एक ही परिवार में सात लड़कियां हैं।

नई दिल्ली।किन्नर समाज हमारे समाज और संस्कृति का अभिन्न अंग है जिसका जिक्र महाभारत काल तक में हुआ था। आमतौर पर किन्नरों को पुत्र के जन्म और शादी के मौके पर बधाई देते हुए देखा गया है। किन्नर समाज लोगों को बधाई देता है और बदलने में जो सामने वाला देना चाहे..वो खुशी से दे सकता है लेकिन एक किन्नर समाज ने सामाजिक काम करने का बेड़ा उठाया है जहां वो  गरीब लड़कियों के हाथ पीले करने का काम कर रहा है। ये अनूठी पहल बीकानेर के किन्नर समाज ने शुरू की है जो गरीब लड़कियों की शादी का पूरा जिम्मा उठा रहा है।

किन्नर समाज ने शुरू की अनोखी पहल

बीकानेर के किन्नर समाज ने बिना बाप की सात बेटियों में से दो बेटियों की शादी का जिम्मा उठाया है। किन्नर समाज के इस अनोखे काम की सराहना हर तरफ हो रही है। दरअसल गोपेश्वर बस्ती स्थित कुम्हारों की मोड़ पर एक परिवार रहता है। जहां एक ही परिवार में सात लड़कियां हैं और परिवार के सिर पर पिता का साया नहीं है। मां अकेले कमा के घर खर्च वहन करती है। गरीब परिवार होने के कारण शादी करने में दिक्कत आ रही थी। जब लड़कियों की शादी की जानकारी किन्नर समाज को मिली, तो यह समाज आगे आया और सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। किन्नर समाज ने दो लड़कियों की शादी का जिम्मा अपने कंधों पर लिया। शादी 22 अप्रैल को धूमधाम से की गई। किन्नर समाज की तरफ से बर्तन, कपड़े तथा अन्य सामान भी देकर दो लड़कियों को विदा किया और शादी का पूरा खर्च भी उठाया।

गरीब परिवार की लड़कियों का किया विवाह

एक लड़की की बारात सुजानदेसर से तथा एक की बारात बीकानेर से गई। बीकानेर किन्नर समाज की अध्यक्ष मुस्कान बाई अग्रवाल ने बताया कि एक मां के कंधों पर सात बेटियों की जिम्मेदारी निभाना बहुत बड़ी बात है। जब उन्हें इसकी जानकारी मिली, तो वह बेटियों की शादी कराने के लिए आगे आईं। उनके घर गईं और मां से बातचीत की। सात बहनों में से दो बहनों की शादी की जिम्मेदारी ली है।

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