नई दिल्ली। 15 अगस्त को देशभर में धूमधाम के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। देशभर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत लोगों ने अपने घर पर झंडे भी लगाए। एक तरफ जहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे देश में वतनपरस्ती का सैलाब उमड़ता दिखा है, जिसमें सभी ने जमकर गोता भी लगाया। लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि हिंदुस्तान में एक ऐसा भी सूबा है, जहां स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर भी विरानगी छाई रही है। इतना ही नहीं, हैरानी तो इस बात को लेकर है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा झंडा फहराने से भी गुरेज किया गया। जिसे लेकर अब बहस का सिलसिला शुरू हो चुका है कि आखिर क्यों जब पूरे देश में 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता की आभा बिखरी हुई थी, तो वहीं जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ा में लोगों ने तिरंगा झंडा फहराने से भी परहेज किया।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के इंदरवाल एरिया में स्वतंत्रता दिवस पर एक स्कूल में तिरंगा नहीं फहराने का मामला सामने आया है। जहां 15 अगस्त को मिडिल स्कूल भटवारी में भारतीय ध्वज नहीं फहराया गया है। वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद शिक्षा विभाग ने कड़ा एक्शन लिया है। विभाग ने मामले में स्कूल के 7 टीचरों के खिलाफ कार्रवाई की है। इतना ही नहीं मामले की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। बताया जा रहा है कि जब कमेटी इस मामले की जांच पूरी तरह से नहीं कर लेती है, तब तक ये सभी टीचर निलंबित रहेंगे।
इन शिक्षकों में एजाज अहमद, फारूक अहमद बूमाल, साजिद अहमद वानी, गुलाम मोहि-उ-दीन वानी, मोहम्मद सिकंदर, शाहिदा बानो और गुलाम हसन भट के नाम शामिल हैं। ज्ञात हो कि इस बार भारत सरकार ने सभी सरकारी दफ्तरों और सरकारी स्कूलों में 15 अगस्त पर तिरंगा फहराना अनिवार्य किया था। लेकिन किश्तवाड़ के एक स्कूल में शिक्षकों ने भारतीय ध्वज नहीं फहराया।
बता दें कि पहली मर्तबा नहीं है जब किसी स्कूलों में तिरंगा नहीं फहराया गया हो। इससे पहले तमिलनाडु से ऐसी ही एक खबर सामने आई थी, जहां धर्मपुरी जिले में एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय ध्वज फहराने और उसे ‘सैल्यूट’ करने से इनकार कर दिया था।