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Mukhtar Ansari: अधर में मुख्तार का राजनीतिक भविष्य, कभी बोला करती थी तूती, लेकिन अब डूबी लुटिया, जानें बाहुबली का सियासी सफर

नई दिल्ली।  मुख्तार अंसारी….ये नाम आज पूरे दिन चर्चा में रहा….मुख्तार बुंधओं के नाम आज खूब सुर्खियां बनीं तो वहीं पाठकों और दर्शकों में भी इसके बारे में जानने की आतुरता अपने चरम पर रही…अब जेहन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर मुख्तार अंसारी है कौन? तो देखिए मुख्तार अंसारी को आप बाहुबली, माफिया, राजनेता और दबंग, जो चाहे कह सकते हैं। बेशक शख्स एक हो, लेकिन यह शख्स कई किरदारों में नजर आता है। कभी राजनेता, तो कभी माफिया, तो कभी बाहुबली, तो कभी दबंग। फिलहाल अब यह जान लेते हैं कि आखिर अभी ये चर्चा में क्यों है?

पिछले 16 सालों से बांदा जेल की काल कोठरी में बंद मुख्तार को आज बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में सजा सुनाया गया है। इस मामले में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। आज गाजीपुर की एमपी/ एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को इसी मामले में 10 साल की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना भी ठोका है। वहीं, इसी मामले में उसके भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सुनाई गई है और उस पर भी जुर्माना लगाया गया है। अफजाल को चार साल की सजा होने के बाद अब जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उसकी सांसदी छीन ली जाएगी। बता दें  कि जनप्रतिनिधित्व अनिधिनियम 151 के तहत जब किसी राजनेता को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता स्वत: चली जाती है। वहीं मुख्तार अभी बांदा जेल में बंद है। मुख्तार के खिलाफ पहले भी कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।  आइए, आगे जान लेते हैं कि उसे किन-किन मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।

किन-किन मामलों में मुख्तार को सुनाई जा चुकी है सजा

बता दें कि पूर्व में भी कई मामलों में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई जा चुकी है। मुख्तार को 22 सितंबर 2022 से 29 अप्रैल 2023 के बीच चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। 22 सितंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को सात साल की सजा सुनाई थी। वहीं, 23 सितंबर को जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की अदालत ने गैंगस्टर के मामले में पांच साल की सजा सुनाई थी। उधर, इससे पहले 15 दिसंबर 2022 को अवधेश हत्याकांड मामले और एडिशनल एसपी पर हमले समेत कुल पांच मामलों में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने उसे 20 साल की सजा सुनाई थी। तो इस तरह बतौर पाठक आपको एक बात अपने मन में स्पष्ट कर लेना चाहिए कि यह पहली मर्तबा नहीं है कि जब मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है। उसे पहले भी कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। चलिए, अब आगे उसके राजनीतिक जीवन के बारे में जान लेते हैं।

कैसे रहा माफिया राजनीतिक जीवन

वैसे मुख्तार अंसारी कोई पहला ऐसा बाहुबली नहीं है, जिसने राजनीति में भी हाथ आजमाया हो। कई ऐसे बाहुबली रहे हैं जिन्होंने राजनीति में सफल पारी खेली है। बता दें कि मुख्तार अंसारी ने मऊ के सदर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़कर अपने सियासी सफर का आगाज किया था।  उसने यह चुनाव बहुजन समाज पार्टी के टिकट से लड़ा था। इसके बाद 2002 व 2007 में उसने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद उनसे 2021 में कौमी एकता दल का गठन किया था। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उसने सपा से टिकट मांगा था, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद वह अपनी खुद की पार्टी कौमी एकता दल के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरा और जीत हासिल हुई। वहीं, 2022 के चुनाव में उसने अपनी सक्रियता ढीली कर ली और अपने बेटे अब्बास अंसारी को चुनावी मैदान में उतार दिया। उसके बेटे ने भी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

कहां-कहां दर्ज हैं मुकदमे

बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ 61 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें आठ मुकदमे उसके  खिलाफ जेल में रहने के दौरान दर्ज किए गए हैं। राजधानी लखनऊ में भी उसके खिलाफ सात मामले दर्ज हैं। वहीं, अब मुख्तार को बीजेपी नेता की हत्या के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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