नई दिल्ली। अभी देश भर में सभी टेलीकॉम कंपनियां 5G को लांच करने करने में लगी हुई हैं, इसके एयरटेल, Vi, Jio जैसी बड़ी कंपनियां प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। वहीं अब देश में 5G के ऐलान के 5 महीने बाद ही भारत 6G को अपनाने के लिए पूरी तरह से कमर कसने लगा है। इस बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत 6जी विजन डॉक्यूमेंट लॉन्च किया और उन्होंने 6जी टेस्ट बेड का ऐलान किया है। 6G टेस्ट बेड के जरिए 6G के लिए टेक्निकल एडवांसमेंट और रिसर्च डेवलेपमेंट को तेज करने पर ध्यान केंद्रित करने की योजना है।
1. अभी भारत में 5G के लॉन्च के बाद भी कई सारे इलाके ऐसे हैं जहां पर 4G कवरेज भी ठीक से नहीं है। ऐसे में यूजर्स को 5जी से भी तेज रफ्तार कैसे दी जाए, इसके लिए टेस्टिंग ग्राउंड 6G टेस्ट बेड ही एक तरीका है।
2. आपको बता दें कि 6G टेस्टबेड को खास तौर पर 6G के लिए नई टेक्नोलॉजी और रिसर्ज डेवलेपमेंट के लिए तैयार किया गया है। यह इंटनेट की दुनिया के लिए महत्वपूर्ण कदम बन सकेगा है।
3.6G टेस्टबेड एक मंच की तरह है जहां नई टेक्नोलॉजी को एक्सपर्ट्स टेस्ट करते हैं।
4. 6G टेस्टबेड के साथ, शोधकर्ता और डेवलपर वास्तविक दुनिया के नेटवर्क को प्रभावित किए बिना नियंत्रित वातावरण में नई तकनीकों का परीक्षण और मूल्यांकन करना आसान होगा।
5. इसके जरिए यह समझने का प्रयास किया जा रहा हैकि कैसे 6G तकनीक काम करेगी, किन लोगों पर इसका असर होगा, इससे संबंधित सभी जरूरी परीक्षण, 6G टेस्ट बेड के जरिए समझने की कोशिश की जाएगी।