जम्मू। इस साल की अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है। पवित्र अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त तक चलेगी। अमरनाथ की पवित्र गुफा पहलगाम से 46 और बालटाल के रास्ते 14 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए जम्मू-कश्मीर की लिड्डर घाटी में 3888 मीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं, तो क्या करें और क्या न करें।
अगर आप अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं, तो जम्मू पहुंचकर प्रशासन की ओर से स्थापित सेंटर जाएं और वहां से रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी यानी आरएफआईडी लें और इसे यात्रा के दौरान हमेशा पहने रहें। आरएफआईडी के जरिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड यात्री पर रियल टाइम नजर रखता है। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं, तो आरामदायक कपड़े पहनें। अपने साथ गर्म कपड़े और रेनकोट जरूर रखें। पहाड़ों पर चढ़ाई के लिए विशेष जूते जरूर पहनें। नंगे पैर न चलें। अमरनाथ यात्रियों को धीमे चढ़ाई करनी चाहिए, वरना उनको सांस संबंधी दिक्कत हो सकती है। लगातार पानी जरूर पीते रहें। पूरे यात्रा मार्ग में ठहर-ठहर कर चलें। एक बार में चढ़ाई करने की कोशिश न करें।
अमरनाथ की पवित्र गुफा काफी ऊंचाई पर है। यहां सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत हो, तो मेडिकल कैंप जाएं और नीचे की तरफ पहुंचें। सिगरेट, शराब और कॉफी जैसी चीजों का सेवन न करें। तय रास्ते से अलग राह न पकड़ें। जम्मू-कश्मीर सरकार ने तय रास्ते में सुरक्षा और मेडिकल सुविधाएं दे रखी हैं। अपने साथ लाए सामान और प्लास्टिक की बोतलें वगैरा इधर-उधर न फेंके। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। कभी-कभी पहाड़ों से चट्टानें गिरने और अचानक बारिश से छोटी नदियों और सोतों में अचानक बाढ़ आ जाती है। ऐसे में जरूरी सावधानी बरतें। कैंप में रुकने के दौरान रात के वक्त इधर-उधर न घूमें। अगर आप ये सभी नियम मानेंगे, तो बाबा बर्फानी के दर्शन करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।