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Who is Lalan Singh : जानिए कौन हैं JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने वाले ललन सिंह? नीतीश कुमार से मतभेद के चलते छोड़ा पद

नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड में जिस बात को लेकर काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे वो आज सच हो गई। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे ललन सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच सबकुछ ठीक ना होने की खबरें काफी समय से मीडिया में सुर्खियां बनी हुई थीं। आज जब दिल्ली में JDU के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग हुई तो इस बात पर अंतिम मुहर भी लग गई। इस अहम बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर नीतीश कुमार का नाम प्रस्तावित किया। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी कमान अपने हाथों में ले सकते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ललन सिंह कौन हैं और कैसा रहा इनका राजनीतिक करियर..

कौन हैं ललन सिंह?

राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह वर्तमान में जेडीयू के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। उनको बिहार की सियासत में एक प्रमुख व्यक्ति माना जाता है। जिस प्रकार जेपी के आंदोलन से नीतीश कुमार ने अपना सियासी सफ़र शुरू किया था कुछ वैसे ही उस समय ललन सिंह अपने सियासी कदम आगे बढाने में लगे हुए थे। वह भी नीतीश कुमार के ही शैक्षणिक संस्थान के पूर्व छात्र हैं। वह मुंगेर से सांसद हैं और बिहार में जेडीयू का एक प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। जांच की मांग करने वालों द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले में ललन सिंह का नाम भी शामिल था। जिसके बाद उनके राजीतिक सफ़र को काफी हद तक झटका भी लगा था। लेकिन नीतीश कुमार के साथ हाथ मिलाने के बाद उनका करियर एक बार फिर बूस्ट हुआ था।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि 2010 में, ललन सिंह पर पार्टी फंड के दुरुपयोग का आरोप लगा, जिसके कारण उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी। हालाँकि, बाद में सुलह हो गई और वह विधान परिषद के सदस्य बन गए और बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए। ललन सिंह ने 2017 में राजद-जदयू गठबंधन को खत्म करने और जदयू को एनडीए के पाले में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने में भी अहम भूमिका निभाई। फिलहाल ललन सिंह नीतीश कुमार के लिए सबसे भरोसेमंद चेहरों में से एक हैं।

2010 का विभाजन

2010 में नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच बड़ा विवाद सामने आया था. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में एक कार्यकाल पूरा कर चुके थे और अगले चुनाव की तैयारी कर रहे थे। लगभग उसी समय, एक प्रमुख नेता और प्रमुख चेहरे ललन सिंह ने पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने नीतीश कुमार पर अहंकारी होने और केंद्रीकृत दृष्टिकोण से सरकार चलाने का आरोप लगाया। ललन सिंह पर आबकारी घोटाले में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इस विवाद के बीच आबकारी मंत्री जमशेद अशरफ को हटा दिया गया। उथल-पुथल के बावजूद पार्टी ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बने और मामला सुलझता नजर आया।

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