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Who is Surekha Yadav: जानिए कौन हैं सुरेखा यादव, जिन्होंने एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बन दौड़ाई वंदे भारत एक्सप्रेस

Who is Surekha Yadav Vande Bharat Express

नई दिल्ली। 57 साल की सुरेखा यादव (Surekha Yadav) ने ऐसा कार्य किया है जिसके बाद उनकी चर्चा हर तरफ हो रही है। बता दें, सुरेखा यादव ने सोमवार को मुंबई-पुणे-सोलापुर रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन किया जिसके बाद वो ऐसी पहली महिला लोकोमोटिव पायलट बन गई हैं जिन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ाई है। 34 साल तक सुरेखा यादव ने रेलवे को अपनी सेवा दी है। 2 साल पहले 2021 में महिला दिवस के मौके पर 57 साल की सुरेखा यादव ने इच्छा जाहिर की थी कि वो वंदे भारत एक्सप्रेस चलाना चाहती हैं। उनकी इस इच्छा को ध्यान में रखकर ही सबसे पहले मुंबई-पुणे-सोलापुर रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) दौड़ाने का काम उन्हें दिया गया जो सफल भी रहा। अब उनके इस सफल प्रयास के लिए मध्य रेलवे ने उन्हें सम्मानित किया है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की तारीफ

यहां तक की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सुरेखा यादव के इस कदम की प्रशंसा की है। अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सुरेखा यादव की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा है, ‘नारी शक्ति दावारा संचालित वंदे भारत। श्रीमती सुरेखा यादव भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस की लोको पायलट है’।

कौन है सुरेखा यादव (Who is Surekha Yadav)

मुंबई-पुणे-सोलापुर रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन कर एशिया की पहली महिला लोकोमोटिव पायलट बनी सुरेखा यादव सतारा की रहने वाली हैं। सुरेखा यादव ने 1989 में अपने करियर को सहायक चालक के रूप किया था। इसके बाद सन् 1996 में उन्हें मालगाड़ी चलाने का अवसर मिला। मालगाड़ी चलाने के बाद तो उन्होंने कई गाड़ियां पटरी पर दौड़ाईं। वहीं, अब वंदे भारत एक्सप्रेस चलाकर उन्होंने महिलाओं का सिर गर्व से ऊँचा किया है।

भारत एक्सप्रेस चलाकर क्या बोली सुरेखा यादव

आधुनिक तकनीकों से लैस वंदे भारत एक्सप्रेस को सफलता पूर्वक चलाकर और सभी नियमों और संपर्कों को पूरा करने वाली सुरेखा यादव का कहना है कि वो भारतीय रेलवे की शुक्रगुजार हैं। उन्हें इस वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का अवसर मिला जिससे वो काफी खुश हैं। जानकारी के लिए बता दें, सुरेखा यादव ने जिस वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन किया है वो सोलापुर से ठीक समय पर रवाना हुई थी लेकिन सुरेखा ने निश्चित समय से 5 मिनट पहले ही उसे निर्धारित स्थान पर पहुंचा दिया।

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