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Smriti Irani: जब स्मृति ईरानी ने खुद को बताया मोटी आंटी, तो लोग नहीं कर पाए अपनी हंसी कंट्रोल, जानिए पूरा माजरा

union minister smriti irani

नई दिल्ली। कभी अपने बयानों तो कभी विपक्षी दलों पर अपने तीखे हमलों को लेकर सुर्खियों के सैलाब में सराबोर रहने वाली बीजेपी नेत्री स्मृति ईरानी इस बार फिर से सुर्खियों में आ गईं हैं, लेकिन इस बार उनके सुर्खियों में आने की वजह से उनका कोई बयान नहीं, उनका कोई तीखा हमला नहीं, बल्कि खुद का मजाक बनाना है। जी हां… बिल्कुल…सही पढ़ रहे हैं आप…आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने खुद भरी सभा में ‘मोटी- आंटी’ कहकर संबोधित किया है, जिसे सुनने के बाद जहां कुछ लोग अवाक रह गए, तो कुछ गंभीरता की हदों को पार करने वाले लोग भी हंसने पर मजबूर हो गए। बहरहाल ,माजरा जो भी हो, लेकिन स्मृति अपने कथन को लेकर खासा सुर्खियों में आ गए हैं। आइए, आगे आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, स्मृति ईरानी एक समारोह में शिरकत करने पहुंचीं थीं, जहां उनकी मुलाकात लड़कियों के लिए स्कीलिंग इन नॉन ट्रेडिंशनल लाइवलीहुड (NTL)में एक लड़की गुलाबशाह परवीन से हुईं। बता दें कि परवीन की कहानी प्रेरणादायी, उत्साहवर्धक और दर्दनाक रहीं। जिसे वाकिफ होने के बाद स्मृति ईरानी खुद की भावनाओं पर काबू नहीं कर पाईं, जिसके बाद ईरानी ने यह भी कहा कि मैं भगवान से दुआ करतीं हूं कि मुझे भविष्य में कभी तुम्हारे जैसी लड़की नहीं मिली। अब आप बतौर पाठक सोच रहे होंगे कि परवीन की ऐसी कौन सी कहानी है, जिससे वाकिफ होने के बाद स्मृति ईरानी खुद की भावनाओं पर काबू नहीं कर पाईं। आइए, आगे आपको विस्तार से बताते हैं।

जानिए परवीन की कहानी

परवीन ने स्मृति ईरानी से मुलाकात के दौरान बताया कि महज 15 साल की उम्र में उसके दादा-दादी ने जबरन उसकी शादी 55 साल के बुजुर्ग शख्स से कर दी थी। उसने इस शादी का खूब विरोध किया था, लेकिन अफसोस उसकी एक नहीं सुनी गई। इतना ही नहीं, उस बुजुर्ग शख्स की पहले से ही आठ-दस बच्चें थे। उसके बाद भी उसने मुझसे शादी की। परवीन ने आगे कहा कि इसके बाद मेरे ससुराल वाले मुझे तरह-तरह से प्रताड़ित करने लगे। लेकिन, जब परिस्थितियां अपने चरम पर पहुंच गई तो मैं अपने ससुराल से भाग आई। परवीन ने आगे कहा कि ससुराल से भागने के बाद मैं सेंट्रल पहुंच गई जिसके बाद मुझे पूरे ससुराल का डॉयरेक्टर भी बनाया गया। जब मैं 18 साल की हो गई तो सेंट्रल होम वालों ने मुझे घरवालों को बुलाकर मुझे घर भेज दिया। उन्होंने आगे कहा कि हालात इतने दुरूह हो गए कि मुझे मेरे परिवार वालों ने भी स्वीकार नहीं किया। मैं बेघर हो गई, लेकिन सेंट्रल वालों ने मेरा साथ नहीं छोड़ा। बता दें कि स्मृति ईरानी परवीन की इस दर्दनाक कहानी सुनकर भावुक हो गई। स्मृति ईरानी ने परवीन को मदद का भरोसा दिलाया है।

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