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Fire In Ghazipur Landfill Site: आग लगती रहती है और सियासत भी गर्माती है, जानिए इसके बाद भी गाजीपुर में कूड़े का पहाड़ आखिर हटाया क्यों नहीं जाता?

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कूड़े के तमाम पहाड़ हैं, लेकिन हर बार चर्चा गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ की होती है। इस बार भी गाजीपुर का ये कूड़े का पहाड़ चर्चा में है। इसकी वजह है आग। गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ में रविवार को अचानक आग लग गई। बताया जा रहा है कि कूड़े के ढेर से निकलने वाली गैस ने गर्मी की वजह से आग पकड़ ली। आग से आसपास के इलाकों में गहरा धुआं भर गया और लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि गाजीपुर में लगातार ये कूड़े का पहाड़ बढ़ता ही क्यों जा रहा है और इसे खत्म करने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा?

दिल्ली में दो सरकारें हैं। एक दिल्ली की राज्य सरकार और दूसरी केंद्र सरकार। जनता से जुड़े तमाम मसलों को दिल्ली की सरकार देखती है। इनमें कूड़ा उठान भी शामिल है। कूड़ा उठाकर उनको गाजीपुर, भलस्वा और और ओखला के तीन लैंडफिल साइट्स पर फेंका जाता है। गाजीपुर में कूड़े का पहाड़ इसी वजह से लगातार ऊंचा होता गया, क्योंकि यहां लाकर कूड़ा डंप तो किया जाता है, लेकिन उसका आगे निस्तारण करने का कोई उपाय अब तक अपनाया नहीं गया है। एक तरफ कूड़े का पहाड़ लगातार बढ़ता जाता है और उसमें आग लगने की घटनाएं होती हैं। वहीं, इस कूड़े के पहाड़ को आधार बनाकर सियासत होती है।

गाजीपुर में कूड़े का जो पहाड़ खड़ा है, उसे लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी जंग एक बार फिर शुरू हुई है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने 31 दिसंबर 2023 तक गाजीपुर से कूड़े का पहाड़ हटाने का वादा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया।

बीजेपी के आरोपों पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने पलटवार किया है। उनका दावा है कि गाजीपुर में कूड़े का पहाड़ कम हो रहा है, लेकिन इसमें वक्त लगेगा।

बता दें कि जब 2022 में आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव में जीत हासिल की थी, तब 27 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल दल-बल के साथ गाजीपुर का कूड़े का पहाड़ देखने गए थे। उन्होंने तब इसके साथ ही भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट्स यानी कूड़े के 3 पहाड़ों को हटाने की गारंटी दी थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब केजरीवाल जेल में हैं और कूड़े के पहाड़ में आग लगने से गाजीपुर और आसपास के इलाकों में लोग हलकान हैं। क्या धुएं से इनके स्वास्थ्य पर हो रहे असर की कोई सुध लेगा?

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