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इतिहास के पन्नों मेंः जब कोलकाता का विवादित जन्मदिन मनाया जाता रहा; ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज सूरत पहुंचा था सहित बहुत कुछ….

kolkata in 1960

नई दिल्ली। आज ही के दिन 24 अगस्त 1690 में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) की राजधानी रहे कलकत्ता (Calcutta) शहर की कथित तौर पर स्थापना हुई थी। तो ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि आज आज कोलकाता (Kolkata) का जन्मदिन है। उस समय कोलकाता व्यापारियों, ईस्ट इंडिया कंपनी के एजेंटों और वैश्विक शक्ति का केंद्र हुआ करता था। वैसे हम 15 अगस्त को अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं अंग्रेजों के प्रति हमारी गुलामी की नींव आज ही के दिन करीब 412 साल पहले पड़ी थी। जी हां, 1600 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने महारानी से नए बाजार तलाशने की अनुमति ली। इसके करीब आठ साल बाद यानी 1608 में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज हेक्टर सूरत के तट पर पहुंचा था। पहले कंपनी ने यहां कब्जा जमाया और फिर 1858 तक अपना साम्राज्य फैलाते चली गई। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश महारानी ने भारत का शासन अपने हाथ में ले लिया था।

1690 में ब्रिटिश इंडिया की राजधानी कलकत्ता बनाई गई

कोलकाता के इतिहास की बात करें तो वहां की हाईकोर्ट ने इसे मनाने पर बैन लगा दिया है , लेकिन बरसों तक कोलकाता आज ही के दिन अपने जन्मदिन को मनाता आया है। कथित तौर पर 1690 में ईस्ट इंडिया कंपनी के एजेंट जॉब चार्नक ने ब्रिटिश इंडिया की राजधानी कलकत्ता रखी थी। हालांकि 2003 में हाईकोर्ट ने इसे मनाने पर रोक लगा दी थी।

प्लूटो को किया गया सौरमंडल से बाहर

साल 2006 में प्लूटो सौरमंडल का नौवां ग्रह माना जाता था। प्राग में ढाई हजार एस्ट्रोनॉमर जुटे थे। वोटिंग हुई और सौरमंडल में ग्रहों को शामिल करने के लिए तीन मानक तय किए गए। पहला, ग्रह वह है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। दूसरा, ग्रह वह है जिसका आकार इतना बड़ा हो कि अपनी ग्रेविटी के कारण वह गोलाकार हो जाए। तीसरा, जिसका अपना ऑर्बिट हो। प्लूटो तीसरे मानक में असफल रहा और इसे सौरमंडल के ग्रहों की गिनती से बाहर कर दिया गया। हालांकि इसे दोबारा सौरमंडल के ग्रहों में शामिल करने की मांग उठती रहती है, लेकिन अब तक उस पर सुनवाई नहीं हुई है।

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