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Nuh Violence: ‘नम आंखें..हाथों में बंधा सामान…चेहरे पर बेबसी लिए पलायन कर रहे नूंह से मजदूर’, व्यथा सुन भीग जाएंगी आपकी आंखें

Nuh Violence: हिंसा से प्रभावित हुए लोगों ने यह कहने से बिल्कुल भी गुरेज नहीं किया कि सरकार दंगाइयों पर लगाम करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है, जिसका खामियाजा अब जैसे मजदूर वर्ग के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। सूर्य उदय भी नहीं हुआ था कि लोग अपने हाथों में अपना सामान लेकर विदा हो गए उस जगह से जहां पिछले तीन दिनों से दंगाइयों का तांडव जारी है। जी हां…हम बात कर रहे हैं हरियाणा के नूंह की। जहां शिव शोभाय़ात्रा के दौरान विशेष समुदाय की ओर से पथराव किया गया। इस पथराव की जद में आकर कई लोग चोटिल हुए। विशेष समुदाय की ओर से पथराव हुए, तो शिव यात्रा के काफिले में मौजूद लोगों ने भी जवाब पत्थर से ही दिया। जिसके बाद यह स्थिति हिंसा का रूप धारण कर गई। अब तक हिंसा में 8 लोग दम तोड़ चुके हैं, तो वहीं कई घायल हैं, लेकिन इस बीच  हिंसा की वजह से मजदूर वर्ग को खून के आंसू रोने पड़ रहे हैं।

हिंसा भड़कने के बाद मजदूर वर्ग नूंह छोड़ने पर मजबूर हो चुका है। कोई भूखे पेट तो कोई खाली हाथ, तो को अपनी जिंदगी भर की कमाई लेकर किसी नए ठिकाने की तलाश में पलायन कर रहे हैं। पलायन करने वाले लोग कह रहे हैं कि यहां रहकर हम क्या करेंगे। यहां हमारे लिए रोजगार के कोई साधन नहीं है। कोई नौकरी नहीं रही है, और है भी, तो वेतन इतना कम है कि गुजारा हो नहीं पाएगा। इसके अलावा व्यापार के लिए कोई संसाधन बचा नहीं। जो भी था, सबकुछ हिंसा में खत्म हो चुका है।

हिंसा से प्रभावित हुए लोगों ने यह कहने से बिल्कुल भी गुरेज नहीं किया कि सरकार दंगाइयों पर लगाम करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है, जिसका खामियाजा अब जैसे मजदूर वर्ग के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा है, जिसकी वजह से व्यापारिक गतिविधियां खत्म हो चुकी हैं और लोग बेरोजगारी के जाल में फंस चुके हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, आपको बता दें कि अब तक इस मामले में 44 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इसके अलावा 144 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन्हें दो दिन की  पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उधर, मामले की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है।

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