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Lakhimpur: लखनऊ तलब किए गए अजय मिश्रा, लिया जा सकता है ये बड़ा फैसला !

ajay kumar mishra

नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपित आशीष मिश्रा के पिता व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को राजधानी लखनऊ तलब किया गया है। इससे पूर्व विगत रविवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह ने अपने एक बयान के जरिए अजय व उनके पुत्र पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि नेतागिरी का मतलब यह नहीं होता है कि आपको किसी को भी अपनी गाड़ी से कुचलने का अधिकार प्राप्त हो गया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि कल तक जो बीजेपी के नेता लखीमपुर कांड में अपने सहयोगियों को बचाने में मसरूफ थे, अब वही नेता अपने ही सहयोगियों के खिलाफ खुल्लमखुल्ला बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि पार्टी में इस मामले को लेकर तनाव अब अपने चरम पर है। ऐसे में आने वाले चुनाव में इसका क्या कुछ असर पड़ता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

वहीं, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि हम यह सनिश्चित कर रहे हैं कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी एक मीडिया संस्थान को दिए अपने साक्षात्कार में कहा था कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और अगर कोई आरोपित पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यही हमारी कोशिश है। बता दें कि अभी इस पूरे मामले में यूपी पुलिस की तरफ से एसआईटी की तरफ से जांच की जा रही है। बीते दिनों आशीष मिश्रा से एसआईटी ने इस संदर्भ में पूछताछ की थी। इस पूछताछ के क्रम में उससे कुल 15 सवाल पूछे थे, जिसका उसने बेहद ही गोलमोल अंदाज में जवाब दिया था। इसके अलावा विपक्षी दल लगातार योगी सरकार पर मंत्री का इस्तीफा लेने का दबाव बना रहे हैं।

वहीं, सरकार का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है। ऐसे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के राजधानी लखनऊ में तलब करने की खबर ने सियासी गलियारों में लोगों को सक्रिय कर दिया है। लोग इसे लेकर अलग-अलग तरह से कयासबाजी करते दिख रहे हैं। आइए, जरा आपको अतीत के आइने से दिखाते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।

आखिर क्या है पूरा मामला

यहां हम आपको बताते चले कि बीते दिनों केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष कुमार ने अपनी कार से आंदोलनकारी किसानों को कुचल दिया था, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई थी। वहीं, इस मामले को लेकर बाद में भड़की हिंसा में चार बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी उग्र प्रदर्शनकारियों ने मार दिया था।

वहीं, आशीष कुमार का कहना है कि जब यह सब कुछ हुआ था तो वे कार में मौजूद ही नहीं थे, वे तो दंगल के कार्यक्रम में उपस्थित थे, ऐसे में यह आरोप निराधार साबित होते हैं। खैर, अब इस पूरे मामले की हकीकत क्या है? एसआईटी इसकी जांच कर रही है। जांच के क्रम में प्रतिदिन नए- नए तथ्य सामने आ रहे हैं।

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