पटना। सियासत रास न आई। ऊपर से छोटे भाई ने भी कई बार नहीं सुनी। अपने आदमी को पार्टी छोड़कर जाना पड़ा। शायद ये तीन वजह हैं, जिनसे परेशान होकर बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव अब बिजनेस में उतर पड़े हैं। कृष्ण बने और जिम में कसरत करते तो आपने उन्हें देखा होगा। अब तेजप्रताप चावल बेचने के बिजनेस में उतर पड़े हैं। पहले उन्होंने अगरबत्ती बनाने का काम भी किया था, लेकिन उसमें सफल नहीं रहे थे। चावल के धंधे में तेजप्रताप ने अपने बड़े मामा प्रभुनाथ यादव और कुछ अन्य लोगों को साझेदार बनाया है।
शनिवार को तेजप्रताप ने अपनी कंपनी एलआर राइस एंड मल्टीग्रेन्स शुरू की। एलआर का मतलब है लालू और राबड़ी। इस फैक्ट्री के बारे में तेजप्रताप ने बताया कि बिहार के किसानों से चावल खरीदकर उनकी कंपनी पैकिंग कर बेचेगी। चावल के अलावा आटा, बेसन, सत्तू और मैदा का कारोबार भी वो करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में अच्छी क्वालिटी का धान होता है, लेकिन बिचौलिए इसे खरीद लेते हैं। किसानों को भी इससे नुकसान होता है। किसानों को उनकी कंपनी बढ़िया पैसा देगी और बिहार के लोगों को बिहार का चावल खिलाएगी।
तेजप्रताप ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से तमाम चीजें महंगी हुई हैं। फिर भी खाने-पीने की चीजों को लोग ले रहे हैं। इसी वजह से हमने ये कंपनी शुरू की। उन्होंने कहा कि ब्रांड की चिंता नहीं है क्योंकि एलआर यानी लालू और राबड़ी का नाम ही ब्रांड है। लालू के बड़े बेटे के मुताबिक कंपनी से तमाम बेरोजगारों को भी नौकरी मिल सकेगी। इस पूरे कार्यक्रम में तेजप्रताप ने एक भी राजनीतिक बात नहीं की।