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Pune Porsche Car Accident Case: पुणे पोर्श कार हादसे में आरोपी नाबालिग नहीं खोल रहा जुबान, पुलिस के हर सवाल पर कह रहा- मुझे कुछ नहीं याद; हादसे में हुई थी 2 इंजीनियरों की मौत

Pune Porsche Car Accident Case: पुणे पोर्श कार हादसा कांड में पुलिस ने नाबालिग के पिता, दादा और मां को पहले ही गिरफ्तार किया था। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा पर आरोप है कि उन्होंने पोर्श कार के ड्राइवर को अगवा कर उसपर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव डाला। जबकि मां ने ब्लड सैंपल बदलवाया।

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार हादसा कांड का नाबालिग आरोपी पुलिस की पूछताछ में बहुत कुछ नहीं बोल रहा है। पुणे पुलिस सूत्रों के मुताबिक नाबालिग आरोपी और उसकी मां को आमने-सामने बिठाकर पोर्श कार हादसा कांड के बारे में पूछताछ की गई। इस पूछताछ के दौरान नाबालिग आरोपी हर सवाल पर यही कहता रहा कि वो नशे में था और उसे कुछ भी याद नहीं है। इस मामले में पुलिस हादसे के वक्त नाबालिग के साथ कार में बैठे उसके 2 और दोस्तों से पूछताछ कर चुकी है।

पुणे पोर्श कार हादसा कांड में पुलिस ने नाबालिग के पिता, दादा और मां को पहले ही गिरफ्तार किया था। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा पर आरोप है कि उन्होंने पोर्श कार के ड्राइवर को अगवा कर उसपर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव डाला। वहीं, नाबालिग की मां पर आरोप है कि उसने डॉक्टरों से मिलीभगत कर अपने बेटे की जगह खुद का ब्लड सैंपल दिया। ताकि बेटे के नशे में होने की पुष्टि न हो सके। मिलीभगत से ब्लड सैंपल रिपोर्ट बदलने वाले दोनों डॉक्टरों को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस अब चाहती है कि पोर्श कार हादसे का आरोपी घटनाक्रम के बारे में बताए, ताकि केस को कोर्ट में खड़ा किया जा सके, लेकिन नाबालिग अभी अनजान बना हुआ है।

पुणे पोर्श हादसा कांड में बाइक सवार एक महिला और एक पुरुष इंजीनियर की जान चली गई थी। घटना बीते दिनों हुई थी। नाबालिग आरोपी को मौके पर ही लोगों ने पकड़ लिया था और उसकी पिटाई के बाद पुलिस के हवाले किया था। नाबालिग के बिल्डर पिता ने बेटे को बचाने के लिए ड्राइवर से हादसे की जिम्मेदारी लेने को कहा था। ड्राइवर ने पहले कह भी दिया था कि उससे ही हादसा हुआ, लेकिन पुलिस की जांच में पता चला कि उस पर दबाव डालकर ये बयान दिलाया गया था। पुलिस का दावा है कि पुणे पोर्श हादसा कांड में उसके पास नाबालिग के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अब सबकी नजर इस पर है कि नाबालिग जब जुबान नहीं खोल रहा, तो पुलिस कोर्ट में किस तरह उसे सजा दिला पाती है।

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