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Donkey Milk Farm: IT की जॉब छोड़कर इंजीनियर ने शुरू किया गधी का दूध बेचने का बिजनेस, कमाई जानकर उड़ जाएंगे होश

Srinivasa Gowda

नई दिल्ली। काफी पुराने समय से ही गधा शब्द का इस्तेमाल किसी को नीचा दिखाने और उसकी बेज्जती करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। आज भी लोग इस शब्द का इस्तेमाल दिन कई बार कर ही देते हैं। अगर कोई इंसान अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर गधा पालने का बिजनेस शुरू कर दे तो लोग उसे गधा ही कहेंगे ना?…शायद हां, लेकिन देश के कर्नाटक राज्य में एक इंजीनियर अपनी IT की नौकरी छोड़कर गधे पालने का बिजनेस शुरू कर जो कमाई कर रहा है वो जानकर आपका भी सिर चकरा जाएगा।

बता दें, ये पूरा मामला कर्नाटक का है। जहां, एक IT इंजीनियर श्रीनिवास गौंडा (Srinivas Gowda) ने 42 साल की उम्र में नौकरी छोड़कर गधी का दूध बेचने का काम शुरू किया है। श्रीनिवास गौंडा ने बताया है कि उन्होंने 8 जून को ही अपनी नौकरी छोड़ दी थी जिसके बाद उन्होंने दक्षिण कन्नड़ के एक गांव में गधा पालन कारोबार शुरू किया। श्रीनिवास ने बताया कि उनके पास 2.3 एकड़ की जमीन थी, जो प्लॉटिंग करने के लिए खरीदी थी लेकिन अब इसी जमीन में वो अब गधे पालते हैं। शुरूआत में उन्होंने केवल 20 गधे/गधी को पालना शुरू किया। जब उन्होंने इन्हें पालना शुरू किया तो उन्हें काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। बहुत से लोगों ने उन्हें ही गधा कहा लेकिन जब उन्हें पहला आर्डर 17 लाख का मिला तो सबकी होश उड़ गए।

ऐसा क्या है गधी का दूध में…

जाहिर सी बात है इसे पड़ने के बाद आपके मन में भी ये जानने के लिए जिज्ञासा हो रही होगी कि गधी का दूध कितने में बिकता है और ऐसा क्या है जो कि गधी के दूध ने गाय और भैंस के दूध को पछाड़ दिया। तो आपको बता दें, सिर्फ 30 मिलीलीटर गधी का दूध 150 रुपए में बेचा जाता है। IT इंजीनियर श्रीनिवास गौंडा गधी के दूध के छोटे पैकेट बनाकर सुपरमार्केट में बांटते हैं। इसके अलावा उनके संपर्क में ब्यूटी कॉस्मेटिक बनाने वाली कंपनियां भी हैं जो कि उन्हें ऑर्डर देते हैं।

जानकारी के लिए बता दें, गधी का दूध शरीर को बहुत ताकत देने वाला होता है साथ ही ये काफी स्वादिष्ट होता है। इसके अलावा बीमार बच्चों को पिलाने, दवा बनाने, सेहत बनाने, कॉस्मेटिक बनाने में इसका प्रयोग किया जाता है।

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