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Action: 2047 तक भारत को ‘मुस्लिम राष्ट्र’ बनाने का सपना देखने वालों की जिंदगी तबाह!, NIA ने सिखाया कड़ा सबक

नई दिल्ली। 1947 में जिन विषम परिस्थितियों में भारत को ब्रितानी हुकूमत से आजादी मिली थी, उससे तो सभी वाकिफ ही हैं। असंख्य लोगों ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने की दिशा में हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दे दी। जिसके बाद हमें स्वतंत्र भारत में सांस लेने का मौका मिला। हालांकि, आजादी मिलने के बाद भी हमारी दुश्वारियों ने विराम नहीं लिया। आजादी के तत्काल बाद ही भारत में ऐसी परिस्थितियों का जन्म हुआ, जिसके उपरांत राष्ट्र के दो टुकड़े हुए। जिसमें एक टुकड़े को हिंदुस्तान तो दूसरे को पाकिस्तान का नाम दिया गया। दोनों ही मुल्कों के अपने-अपने संविधान बनें। शासन-प्रणाली विकसित की गई। व्यवस्थाएं विकसित की गईं। आज आजादी के सात दशकों के बाद दोनों ही राष्ट्र किस पड़ाव पर मौजूद हैं, यह विवेचना का विषय है, जिस पर हम किसी और दिन विचार करेंगे। फिलहाल, हम आपको एक गंभीर विषय पर लाते हैं और वो विषय है। राष्ट्र की प्रकृति।

जी हां…यह सर्वविदित है कि जहां पाकिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र है, तो वहीं भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, जहां प्रत्येक मजहब के लोगों को संविधान द्वारा समान अधिकार प्रदान किए गए हैं और अगर किसी के समान अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो उसके लिए न्यायपालिका की भी व्यवस्था की गई थी, बल्कि इसके विपरीत पाकिस्तान में ऐसी स्थिति नहीं है, लेकिन भारत में पिछले सात दशकों के उपरांत कुछ ऐसे शरारती तत्वों का जन्म हो चुका है, जिन्हें हिंदुस्तान की धर्म निरपेक्ष प्रकृति रास नहीं आ रही है। नहीं रास आ रहा उन्हें समान अधिकार। नहीं रास आ रहा उन्हें यहां का संविधान। उन्हें नहीं रास आ रही यहां की न्यायपालिका। लिहाजा यह लोग अब देश को खंडित करने का ख्वाब देख रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों का ख्वाब कभी मुकम्मल नहीं होगा और अगर किसी ने भी ऐसी जुर्रत की तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी।

जैसा कि वर्तमान में पीएफआई के फुलवारी शरीफ माड्यूल में शामिल 40 मुस्लिम युवकों को चुकानी पड़ रही है। अगर आपको नहीं पता हो तो बता दें कि फुलवारी शरीफ माड्यूल में शामिल मुस्लिमों युवकों ने हमारे अखंड भारत को 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र में तब्दील करने का सपना देखा था और इस सपने को साकार करने के लिए इन लोगों ने पूरा खाका भी तैयार कर लिया था। लेकिन इससे पहले कि इनके नापाक इरादे पूरे होते। एनआईए ने इनके यहां छापेमारी कर इस कृत्य में शामिल सभी लोगों को सलाखों के पीछे भेज दिया। अब इसी मामले में एक बड़ी खबर प्रकाश में आई है।

खबर है कि अब एनआईए ने फुलवारी शरीफ माड्यूल में शामिल एक नहीं, दो नहीं, तीन भी नहीं, बल्कि 40 मुस्लिम युवकों को नोटिस भेजा है। इन सभी युवकों को पूछताछ के लिए बुलावा भेजा है। बताया जा रहा है कि इन सभी से मामले के संदर्भ में पूछताछ की जाएगी। बता दें कि बीते दिनों जब यह मामला प्रकाश में आया था तो इसमें पाकिस्तानी कनेक्शन होने की भी बात कही जा रही थी। कई पाकिस्तानियों के भी शामिल होने की बात सामने आई थी, जिसकी जांच अभी जारी है। फिलहाल, सभी को इंतजार रहेगा कि पूछताछ के दौरान मामले को लेकर क्या कुछ खुलासे होते हैं।

नाकाम रही पुलिस..!

इस गंभीरजदा मामले में जिस तरह का एक्शन पुलिस ने लिया, उसे देखकर तो पुलिस की आलोचना करने का ही मन करता है। वो इसलिए क्योंकि अभी तक महज 5 लोगों की ही गिरफ्तारी हुई, जिसमें मोतिहारी का एक मौलवी भी शामिल है। बता दें कि 21 लोग अभी–भी पुलिस की गिरफ्त से महरूम हैं। हालांकि, मामले में संलिप्त 26 अभियुक्तों के यहां छापेमारी की जा चुकी है। दावा है कि छापेमारी के दौरान कई ऐसे दस्तावेज बरामद किए गए थे, जो कि पुलिस के लिए आगामी दिनों में काफी अहम साबित हो सकते हैं। हालांकि, पुलिस ने मामले से जुड़े सांत आतंकियों की सूची केंद्र सरकार को सौंपी थी। केंद्र ने भी राज्य को विशेष निर्देश दिए हैं कि मामले में सख्ती बरती जाए। फिलहाल जांच का सिलसिला जारी है। अब आगे क्या होता है। यह विवेचना का विषय है।

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