नई दिल्ली। अक्षय तृतीया के दिन बाबा केदारनाथ के कपाट खुले थे और अब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। अब श्रद्धालु भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर पाएंगे। कपाट के खुलने के साथ ही इलाके में भारी बर्फबारी हो रही है लेकिन श्रद्धालुओं के जोश में किसी तरह की कोई कमी देखने को नहीं मिली है। भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे। इस मौके पर मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से भव्य तरीकों से सजाया गया। बता दें कि उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है और और लगभग सभी मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए हैं।
पीएम मोदी के नाम हुई पहली आरती
आज सुबह से ही इलाके में भारी बर्फबारी जारी है। खास बात ये रही कि इस साल भी बाकी सालों की तरह पहली पूजा और आरती देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर की गई। कपाट खुलते ही मंदिर भगवान के जयकारों से गूंज उठा और सेना ने भी अपना बैंड और धुन बजाकर भागीदारी निभाई। वहीं केदारनाथ में भी भक्त भगवान के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक लगभग 8 हजार श्रद्धालु केदारनाथ भगवान के दर्शन कर चुके हैं।
जय बद्री विशाल के नारों के बीच कपाट खोले गए।
जय श्री बद्री विशाल!#Badrinath pic.twitter.com/HtrpsfwFxi
— हितानंद Hitanand (@HitanandSharma) April 27, 2023
पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मन्दिर शोभितम्।
निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥भगवान विष्णु की पावन तपोस्थली, सृष्टि का आठवां वैकुंठ, पवित्र चार धामों में से एक, भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट आज निर्धारित शुभ मुहूर्त में खुल गए हैं।
जय बद्रीविशाल ?#Badrinath pic.twitter.com/He7u53TIfM
— प्रदीप बत्रा (@ThePradeepBatra) April 27, 2023
भारी बर्फबारी के बीच खुले आठवें बैकुंठ धाम बदरीनाथ के कपाट#Badrinath #Uttarakhand #देवभूमि_दर्शन pic.twitter.com/xbJTnBQmGr
— सृष्टि (@SriiShT) April 27, 2023
बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बीच #Badrinath धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए pic.twitter.com/zltEcyxUoR
— Kuldeep Raghav ?? (@ImKuldeepRaghav) April 27, 2023
क्या है मंदिर की मान्यता
कहा जाता है कि केदारनाथ में भगवान विष्णु 12 महीने तक विराजमान रहते हैं। जहां 6 महीने वो आराम करते हैं और 6 महीने भक्तों को दर्शन देते हैं। इसलिए 6 महीने मंदिर के कपाट बंद रहते हैं और वैशाख की शुरुआत में मुहूर्त के अनुसार मंदिर के कपाट पूरे धूम-धाम से खोले जाते हैं। एक और मान्यता है कि 6 महीने भगवान विष्णु की पूजा का सौभाग्य मनुष्यों को मिलता है, जबकि बाकी 6 महीने देवी-देवता भगवान विष्णु का पूजन करते हैं। बद्रीनाथ को बैकुंठ धाम की संज्ञा दी गई है, क्योंकि वहां पूरे 12 महीने भगवान विष्णु विराजमान रहते हैं।