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Madhumita Shukla Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में त्रिपाठी दंपत्ति की रिहाई के ख़िलाफ़ नहीं दिया कोई आदेश, निधि शुक्ला ने कही ये बात 

Madhumita Shukla Murder Case: एक समय पर मधुमिता शुक्ला उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा लोकप्रिय वीर रस की कवित्रियों में से एक थी। लगातार वो सफलता की सीढ़िया पर चढ़ती जा रही थी और लोकप्रियता उनकी इतनी थी कि लोग उनकी आवाज सुनने के लिए हजारों की संख्या में पहुंच जाते थे।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की “समय से पहले” रिहाई के खिलाफ दिवंगत कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन की याचिका पर नोटिस जारी किया, जो मधुमिता की हत्या में शामिल होने के आरोप में गोरखपुर जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 9 मई, 2003 को उनके लखनऊ स्थित आवास पर उनकी हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी त्रिपाठी दंपत्ति की रिहाई के ख़िलाफ़ कोई आदेश नहीं दिया। 

लखनऊ के चर्चित हत्याकांड कवियित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी दोषी साबित हुई थी। जिसके बाद उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। लेकिन अब उनके जेल के भीतर अच्छे व्यवहार को देखते हुए कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने राज्यपाल से अनुमति लेकर उनकी आजीवन कारावास की सजा को समाप्त कर दिया है। इसके लिए राज्यपाल की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है और अब हो सकता है जल्द ही दोनों बाहर भी आ जाएं। लेकिन मधुमिता शुक्ला की हत्या के बाद से ही उनकी बहन निधि शुक्ला लगातार न्याय के लिए आवाज उठा रही थी और उनकी वजह से ही कानून का शिकंजा अमरमणि त्रिपाठी के ऊपर कसा जा सका था। इस आदेश से पहले ही मधुमिता शुक्ला की बहन सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं, जहां आज केस की सुनवाई होनी है।

गौर करने वाली बात यह है की जेल प्रशासन एवं सुधार विभाग की इस कवायत के बाद मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने बताया, ‘हमारी तरफ से इस मामले में लगातार बीते 15 दिनों से उत्तर प्रदेश सरकार और राज्यपाल महोदय को अवगत कराया जा रहा है कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हो चुकी है और स्वीकार भी हो चुकी है। जिस पर 25 अगस्त, यानि आज सुबह 11:00 बजे सुनवाई होनी है। मेरा अनुरोध है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस मामले में की जाने वाली सुनवाई तक रिहाई के आदेश को रोका जाए सिर्फ कुछ घंटे की बात है सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जाए। जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश ना दे दे, मेरी विनती सुन लीजिए। इस लड़ाई को मैं 20 साल से लड़ रही हूं।”

आपको बता दें कि एक समय पर मधुमिता शुक्ला उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा लोकप्रिय वीर रस की कवित्रियों में से एक थी। लगातार वो सफलता की सीढ़िया पर चढ़ती जा रही थी और लोकप्रियता उनकी इतनी थी कि लोग उनकी आवाज सुनने के लिए हजारों की संख्या में पहुंच जाते थे। ऐसे ही एक बड़े कार्यक्रम के दौरान मधुमिता शुक्ला की मुलाकात उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी से हुई। धीरे-धीरे इन दोनों की मुलाकातें बढ़ने लगी और उनके दूसरे से प्रेम संबंध भी हो गए थे। इसी प्रेम संबंध की भेंट चढ़ गई मधुमिता शुक्ला की जिंदगी। उनकी उनके घर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी इस मामले में दोषी पाई गई थीं।

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