News Room Post

Mahant Narendra Giri Death: महंत नरेंद्र गिरि का निधन, शिष्य आनंद गिरि से था विवाद, जानिए क्या है पूरा मामला

Narendra and Anand Giri

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के बाघंबरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि का शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला। उनके मौत की खबर का पता लगते ही हड़कंप मच गया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। मौत की वजह अभी तक मालूम नहीं है, लेकिन इस बीच कयासों का बजार गरमा चुका है और अब कई ऐसे मसले उभरकर सामने आ रहे हैं, जो कि गुजरते वक्त के साथ यूं समझ लीजिए कि दफन हो चुके थे। ऐसा ही एक मसला महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद काफी चर्चा में आ गया है, और वो है महंत नरेंद्र गिरी का उनके शिष्य के साथ चल रहा विवाद। बता दें कि बीते दिनों महंत नरेंद्र गिरी का उनके शिष्य आनंद गिरि के साथ विवाद हो गया था। हालांकि, इस विवाद को सुलझाने की तमाम कोशिशें की गई थीं, लेकिन विवाद की गंभीरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि कई कोशिशों के बाद भी पहले जैसी स्थिति बहाल नहीं हो पाई।

वहीं, अब महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि ने बयान जारी कर कहा कि, ”महंत जी की मौत की जांच होनी चाहिए। सच्चाई निकलकर बाहर आनी चाहिए। गुरुजी की हत्या की गई है’। उन्होंने कहा कि, ‘कुछ लोग मेरे और गुरुजी के बीच दरार पैदा करना चाहते थे।” उन्होंने यह भी कहा कि, ‘कुछ लोग महंत नरेंद्र गिरी को घुन की तरह खाने में लग गए थे।’

बीते दिनों हुई थी बात

आनंद गिरि ने कहा कि, ‘बीते दिनों मेरी उनसे बात हुई थी। वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके थे। यहां तक कि उन्होंने कोरोना को भी मात दे दिया था। मैं चाहता हूं कि इस पूरे मसले की गहन तफ्तीश हो, ताकि इसके पीछे की सच्चाई निकलकर सामने आ सकें।’ बहरहाल, स्थिति की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है।

आखिर क्या था गुरू-शिष्य का विवाद

आखिर गुरु- शिष्य के बीच का क्या विवाद था, जिसकी चर्चा अपने चरम पर है। दरअसल, हुआ यूं था कि बीते दिनों आनंद गिरी पर परिवार से संबंध रखने और मंदिर व मठ के धन का दुरूपयोग के आरोप लगा था, जिसकी जांच भी हुई थी। इसके बाद उन्हें मठ और मंदिर से निष्काषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के खिलाफ बयानबाजी भी की थी। जिसके बाद बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनंद गिरी को मंदिर व मठ में प्रवेश करने की इजाजत प्रदान कर दी, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि नरेंद्र  गिरि ने अपने शिष्य आनंद गिरि को माफ करने के बावजूद भी पुराना अधिकार नहीं दिया था। अभी महज उन्हें मंदिर व मठ में ही प्रवेश करने की इजाजत प्रदान की गई थी।

आनंद गिरि के लिए अभी भी पहले जैसी स्थिति नहीं थी, लेकिन यहां एक और बात गौर करने वाली बात है कि बेशक महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनंद गिरि को माफ कर दिया था, लेकिन अब पहले जैसे ताल्लुकात नहीं रहे थे। जिसकी खटास कई मौकों पर उनके चेहरे पर दिखती रही। वहीं, अब जब महेंद्र नरेंद्र गिरि का फंदे पर लटकता हुआ शव मिला है, तो ऐसे में इस पूरे मसले को अलग-अलग एंगल से देखा जा रहा है। वहीं, पुलिस भी इस पूरे मामले की कई एंगल से जांच कर रही है।

Exit mobile version