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Mahant Narendra Giri’s suicide note: महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट से हुआ बड़ा खुलासा, इस तारीख को करने वाले थे आत्महत्या

Narendra Giri

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मामले की जांच कर रही पुलिस के हाथ उनके द्वारा लिखा गया 8 पेज का सुसाइड नोट हाथ लगा है, जिसमें उन्होंने अपने पूरे दिले के सूरत-ए-हाल को शब्दों में बयां किया है। उन्होंने सुसाइड नोट में अपने आत्महत्या की वजह का खुलासा किया है। साथ ही इस सुसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरि की वजह से खुद के मानसिक रूप से विचलित होने की भी बात कही है। उन्होंने सुसाइड में यह भी लिखा है कि वह आनंद गिरि की वजह से इस कदर मानसिक रूप से विचलित हो चुके थे कि 13 सितंबर को ही आत्महत्या करने वाले थे। महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्हें इस बात का डर था कि कहीं आनंद गिरि उनके तस्वीर को लड़की के साथ जोड़कर गलत काम करते हुए उन्हें बदनाम न करे।

उन्होंने सुसाइड में नोट में लिखा है कि मैं समाज में सम्मान से जीना चाहता हूं। अगर मेरी बदनामी हो गई तो मैं समाज में कैसे रहूंगा। इससे अच्छा मेरा मर जाना ही ठीक रहेगा। इसके अलावा उन्होंने अपने द्वारा लिखे इस सुसाइड नोट में कई बातों का जिक्र किया है।

खास बात ये है कि महंत नरेंद्र गिरि ने यह सुसाइड नोट किसी सामान्य पन्ने पर नहीं लिखा है, बल्कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लेटर पेड पर लिखा है। इसके अलावा सुसाइड नोट के हर पन्ने के नीचे महंत के दस्तखत भी किए हुए है।

सुसाइड नोट पर उठाए जा रहे हैं सवाल

इसके साथ ही सुसाइड नोट पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आनंद गिरि ने सुसाइड नोट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि गुरुजी ने आज तक कोई पत्र तक नहीं लिखा तो भला सात पेज का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं। मैं चाहता हूं कि उनकी हेंड राइटिंग की चांज होनी चाहिए। इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि के अलावा आद्दा तिवारी और संदीप तिवारी का भी जिक्र किया है। बता दें कि यूपी पुलिस आनंद गिरि को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी महंत नरेंद्र गिरि के मामले की गहन जांच व दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने  की मांग कर चुके हैं।

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