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Maharashtra Assembly: बढ़ सकती है देवेंद्र फडणवीस की मुश्किलें, फोन टेपिंग मामले में होगी जांच

devendra fadnavis

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री दिलीप वलसे पाटील के विधानसभा में फोन टेपिंग मामले पर दिए गए बयान के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल इस मामले में दिलीप वलसे ने बयान देते हुए कहा कि राज्य की पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुई प्रमुख व्यक्तियों की फोन टैपिंग मामले की जांच कराई जाएगी। जिसकी जानकारी सभागृह को भी दिए जाने की बात कही है। दरअसल महाराष्ट्र की विधानसभा में दो दिवसीय मानसून सत्र का आयोजन किया गया। जहां सभा के दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने फोन टैपिंग का मुद्दा उठाया।

साथ ही राज्य की पूर्व भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस के शासनकाल के दौरान साल 2016-17 में विधायकों और सांसदों के फोन टैप किए जाते थे। इसके साथ ही उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि बीजेपी के संजय काकडे का भी फोन रिकॉर्ड किया गया था। क्या यह सब किसी मुस्लिम बंदे के नाम पर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश में किया गया था?

विधानसभा में हंगामा!

बता दें कि कांग्रेस ने भाजपा की ओर से विधानसभा के बाहर चल रहे पैरेलल हाउस चलाने का विरोध किया है। साथ ही इस बात को गलत बताते हुए जल्द ही इसे रोके जाने की मांग की है। राज्य में सिर्फ दो दिन के लिए मानसून सत्र का आयोजन किया गया था। लेकिन सभा के दूसरे दिन भी कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा पर आरोप लगाए। वहीं बीते दिन विधानसभा में ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर भी काफी हंगामा किया गया था। जिसे देखते हुए 12 बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया गया था।

अदालत जाने की तैयारी में भाजपा विधायक

राज्य में भाजपा विधायक अब निलंबन के खिलाफ अदालत जाने की तैयारी कर रहे हैं। विधान परिषद के नेता प्रवीण दरेकर ने बताया भाजपा नेता सरकार के खिलाफ कोर्ट जाने पर विचार विमर्श तो कर ही रहे हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में भाजपा कार्यकर्ता ठाकरे सरकार के खिलाफ आंदोलन भी करेंगे। बता दें कि 12 विधायकों के निलंबन का विरोध में बीजेपी 1000 जगहों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला ले चुकी है।

विधानसभा में अशोभनीय बर्ताव

विधानसभा में हुए हंगामे को लेकर वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि जो विधानसभा में देखा गया। ऐसा व्यवहार पहले कभी नहीं देखा गया। इस गलत व्यवहार की वजह से ही नेताओं के निलंबन की कार्रवाई की गई है। और यह जो कुछ भी हुआ वह कानून के तहत ही है। इसके आगे संजय राउत  कहा कि इस तरह के हंगामे पाकिस्तान के सदन में देखे जाते हैं। यूपी-बिहार के सदन में इस तरह का व्यवहार देखा जाता है लेकिन महाराष्ट्र में आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।

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