नई दिल्ली। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लिखी अनिल देशमुख पर आरोप लगाने वाली चिट्ठी के बाद से महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है। बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में महाराष्ट्र की मौैजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में इस वक्त बड़े स्तर पर ट्रांसफर-पोस्टिंग का रैकेट चल रहा है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि मेरे मुख्यमंत्री रहने पर ऐसी खबरें सामने आई थीं और हमारी सरकार ने इसका सख्ती से निपटारा किया था। इतना ही नहीं फडणवीस ने दावा किया कि उनके पास फोन कॉल रिकॉर्डिंग है, जो साफ करता है कि इससे जुड़ी कई जानकारियां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास पहले से थीं। बता दें इस मामले में आज महाराष्ट्र बीजेपी के नेता राज्य के गवर्नर से मुलाकात करेंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को अनिल देशमुख पर लगे आरोपों और उनसे जुड़े विवादों के मसले पर बीजेपी नेताओं का एक जत्था राज्यपाल से मुलाकात करने वाला है। वहीं बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट में परमबीर सिंह द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई होगी, जिसमें देशमुख पर आरोपों की जांच की मांग है।
बता दें कि इससे पहले बुधवार को फडणवीस ने मीडिया को जानकारी दी कि, उनके पास ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट से संबंधित कॉल का 6.3 जीबी का पूरा डेटा है। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘सीओआई ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जो 25 अगस्त 20 को डीजी और एसीएस होम को सौंपी गई थी, इसमें गहन जांच शुरू करने की मांग की गई थी, सीएम (उद्धव ठाकरे) को गंभीरता के बारे में भी बताया गया और उन्होंने भी चिंता व्यक्त की, मेरे पास 6.3 जीबी कॉल का पूरा डेटा है।’
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘सीएम ने रिपोर्ट गृह मंत्री को भेजी, रिपोर्ट पर कार्रवाई करने के बजाय इंटेलिजेंस की कमिश्नर रश्मि शुक्ला को कार्रवाई का सामना करना पड़ा, बड़े नामों का खुलासा करने पर उनको सम्मान नहीं दिया गया, साथ ही इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और इंटरसेप्शन में आरोपी लोगों को पदोन्नति मिली।’ फडणवीस ने कहा कि, “ट्रांसफर का रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पकड़ने से पहले DG और ACS होम की अनुमति ली और मुख्यमंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाई। अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई। मैंने आज दिल्ली में गृह सचिव से मिलने का समय मांगा है, मैं CBI से जांच कराने की मांग करूंगा।”